हमलोगों के रगों में हमेशा दौड़ता रहेगा शहीद शक्ति सिंह का नाम
मयूरहंड : फौजी के लिए शहीद होना एक सर्वोच्य सम्मान में आता है। एक फौजी पूरी जिंदगी देश सेवा पर निछावर कर देता है। न उसे अपने बच्चों की फ्रिक रहती है और न ही अपने माता पिता के। फौजी के लिए शहादत ही उसका घर व अन्य साथी ही उसका परिवार वाले होते है। उक्त बातें कार्यक्रम के मुख्य अतिथि चतरा के पूर्व विधायक जनार्धन पासवान ने की। उन्होंने कहा सैनिक कभी मर नही सकते। सैनिक तो अमर रहते है। वही कार्यक्रम को संबोधित करते विशिष्ट अतिथि भाजपा के मीडिया सह प्रभारी योगेंद प्रताप सिंह ने कहा लहू का जो कतरा वतन के लिए गिरे वो सबसे अनमोल है। सैनिक एक मिल का पत्थर होते है। सैनिकों का जीवन देश के लिए ही समर्पित होता है। शहीद शक्ति सिंह की शहादत यहां के युवकों को प्रेरणा देने का कार्य कर रही है। शहीद होना आसान नही होता। शहादत क्या होती है ये शहीदों के पिता से पूछो। जिसने अपने जवान बेटे को खोया है। देश के लिए शहीद होना सबके नसीब में नही होता है। जिसे भारत माता अपना सपूत चुनती है वही शहादत को प्राप्त होते है। उन्होंने शहीदों के पिता को नमन करते हुए कहा कि धन्य है ये जिन्होंने अपने बेटे को देश पर बलिदान होने के लिए फ़ौज में भेजा था। आज उनके कारण ही हमारा सीना चौड़ा है। धन्य है मयूरहंड की धरती जिसने तीन होनहार सैनिको को खोया है। आज उन सभी की बदौलत ही देश पूरे विश्व मे अगली क्षेणी में खड़ा है। वही भाजपा नेता उज्ज्वल दास ने भी सभा को संबोधित करते हुए कहा देश पर मर मिटना सबके नसीब में नही आता है। उसी प्रकार सिमरिया के पूर्व विधायक योगेंद नाथ बैठा,पूर्व सैनिक ट्रस्ट के अध्यक्ष अर्जुन यादव, बीडीओ साकेत कुमार सिन्हा,समाज सेवी संजय सिंह,समाज सेवी हरिचंद्र सिंह,पूर्व मुखिया श्याम सिंह ने भी सभा को संबोधित किया। कार्यक्रम की शुरुआत शहीद के पिता अधिवक्ता संत कुमार सिंह,मुख्य अतिथि जनार्धन पासवान,योगेंद प्रताप सिंह,उज्ज्वल दास,योगेन्द्रनाथ बैठा,विधायक प्रतिनिधि अनिल सिंह ने शहीद के तस्वीर पर मलापर्ण व दीप प्रवज्जलित कर किया। तात्पश्चायत सभी ने बारी बारी से शहीद शक्ति सिंह की आदमकद प्रतिमा पर पुष्प च्रक व माला पहनाकर कर श्रद्धांजलि दी। जिसके बाद भाजपा नेता योगेंद प्रताप सिंह ने शहीद के पिता संत सिंह को बुके व शॉल देकर सम्मानित किया। वही पूर्व विधायक जनार्धन पासवान ने शहीद के ससुर अनिल सिंह को बुके व शॉल देकर सम्मानित किया। बताते चले कि शहीद प्रदीप महतो के पिता थानु महतो व शहीद अनुपम सिंह के पिता उपेंद्र सिंह को भी बुके व शॉल देकर सम्मानित किया गया।
बीएसएफ के बैंड में बांधा समा
शहीद शक्ति सिंह के छठी शहादत दिवस पर हज़ारीबाग़ के मेरु कैम्प से जवानों ने अपने बैंड से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। जवानों ने श्रद्धाजंलि सभा के दौरान जब दिल दिया है जान भी देंगे है ये वतन मेरे लिए का धुन बजाया उस समय सभी की आँखे नम हो गयी। ऐसे लगा जैसे सभी सरहद पर हो और जवानों को दुश्मनों से लड़ते देख रहे हो। बीएसएफ के बैंड ने सभी में देशभक्ति जागृत कर डाली। सभी दर्शक अपना हाथ उठाकर भारत माता की जय बोलने से अपने आप को रोक नही पाए। जानकारी ने अनुसार बीएसएफ में कमाडेंड बलराम सिंह के द्वारा मंगाया गया था।
बीएसएफ के जवानों ने एक साथ दी शहीद को श्रद्धांजलि
बीएसएफ के जवानों ने जब शहीद की प्रतिमा में पास खड़े हुए तो ऐसा लगा जैसे शहीद की प्रतिमा नही होकर खुद शहीद शक्ति सिंह उनके साथ खड़ा हो। सभी ने बारी बारी से पुष्प चक्र अर्पित कर शहीद को सैल्यूट किया। टोली का नेतृत्व कर रहे कमांडेंट बलराम सिंह ने भारत माता की जय,शहीद शक्ति सिंह अमर रहे के नारों से गगन को भी गुंजमान कर दिया। पूरा माहौल देशभक्ति में रंग गया। सभी के जबान पर शहीद शक्ति सिंह अमर रहे ही गूंज रहा था। सभी बीएसएफ के जवानों को ही देख रहे थे।
पूर्व सैनिक वेलफेयर ट्रस्ट एवम एसोसिएशन के जवानों ने भी दी श्रद्धाजंलि
पूर्व सैनिक ने भी टोली बनाकर शहीद शक्ति सिंह की प्रतिमा पर मलापर्ण किया। टोली का नेतृत्व कर रहे एसोसिएशन के अध्यक्ष अर्जुन यादव ने कहा शहीद कोई ऐसा नही हो जाता है। बहुत सारे सैनिक सेना में भर्ती होते है। लेकिन शहीद वही होते है जिसे भारत माता का आशिर्वाद मिल हो। उन्होंने कहा हमलोगों ने एक भाई व दोस्त को खोया है। हमारा दर्द वही जान सकता है जिसने सेना में कंधे से कंधे मिलाकर देश की सेवा की है। हर भारतीय देशभक्त हो सकता है लेकिन सैनिक नही हो सकता।
कार्यक्रम को सफल बनाने में समाज सेवी संजय सिंह,भाजपा मंडल अध्यक्ष विक्रम कुमार सिंह,पूर्व जिप सदस्य राजेश सिंह,पूर्व सैनिक संत कुमार सिंह सहित अन्य शामिल थे।