ईडी कार्यालय से लौटने के बाद शुक्रवार को कार्यकर्ताओं के बीच गरजे मुख्यमंत्री
ईडी के एकतरफा कार्यवाई की विरोध की ताकत रखते हैं, हम सहयोग के लिए तैयार जांच निष्पक्ष हो- हेमंत सोरेन
ईडी की पूछताछ के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शुक्रवार को पार्टी के कार्यकर्ताओं से मुखातिब हुए तो पूरे रौ में दिखे. उन्होंने कहा है ईडी की कार्रवाई अगर एकतरफा होगी तो हम इसके विरोध की ताकत रखते हैं. हम जांच एजेंसी को हर तरह का सहयोग करने को तैयार हैं. जिस मामले में हमसे पूछताछ की जा रही है, उसमें उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल के पहले की भी जांच हो. एजेंसी दूध का दूध और पानी का पानी सामने लाए तो कोई परहेज नहीं है. उन्होंने सवाल उठाया कि एजेंसियों की छापेमारी और कार्रवाई सिर्फ गैर भाजपा शासित राज्यों में ही क्यों हो रही है? क्या भाजपा शासित राज्य दूध के धुले हैं? सोरेन ने कहा कि भाजपा अपने पापों का ठिकरा वर्तमान सरकार पर फोड़ने की कोशिश कर रही है, लेकिन उनके षड्यंत्रों को हम नाकाम कर देंगे।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास के पास सभी जिलों के कार्यकर्ता भारी संख्या में जुटे
सोरेन शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास के पास राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे झामुमो कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित कर रहे थे। झारखंड के साहिबगंज जिले में एक हजार करोड़ के खनन घोटाले में गुरुवार को ईडी की ओर से लगभग नौ घंटे तक हुई पूछताछ के बाद सोरेन शुक्रवार को कार्यकर्ताओं के समक्ष आए और समर्थन के लिए उनका आभार जताया.
एकतरफा कार्यवाई का होगा विरोध, निष्पक्ष जांच में करेंगे सहयोग
सीएम ने कहा कि कल मैं जांच एजेंसी के पास गया था. उन्होंने 8 घंटे तक सवाल जवाब किया. हमने पूछा कि यह दो साल में यह घोटाला हो सकता है क्या. उन्होंने कहा- हमने दो साल नहीं कहा. हमने उनसे कहा कि अगर आप ईमानदारी से काम करोगे तो सरकार का पूरा सहयोग मिलेगा. एक तरफा कार्य करेंगे तो विरोध करने की ताकत रखते हैं. हमें जांच एजेंसी से परहेज नहीं है, लेकिन उन्हें यह जवाब देना चाहिए कि भाजपा शासित राज्य को छोड़कर कार्रवाई क्यों की जाती
मूलवासी आदिवासियों को भड़का रहा विपक्ष, लेकिन उन्हें जनता पहचान चुकी है
सीएम ने कहा कि हमारे मूलवासी आदिवासियों को विपक्ष भड़काने का काम कर रहा है, लेकिन मैं उनको बता दूं उनका षड़यंत्र सवा तीन करोड़ लोगों ने पहचान लिया है. सरकार की लोकप्रियता जैसे- जैसे बढ़ रही है, भाजपा वालों के पेट में दर्द हो रहा है. सरकार पंचायत स्तर पर विकास के कामों को पहुंचा रही है. ग्रामीणों की समस्या का समाधान कर रही है. संघर्ष करना हम गरीबों के लिए सदियों का इतिहास रहा है. दिशोम गुरु शिबू सोरेन को भी इन लोगों ने परेशान किया, लेकिन क्या हुआ. आज शिबू सोरेन के ऊपर कोई भी दाग नहीं लगा.