गुदडी का लाल है चौपारण का समीर, इंजीनियरिंग प्रथम वर्ष के छात्र ने बनाये कई मेगा प्रोजेक्ट
क्यूब सेटेलाइट को नासा ने शार्ट लिस्ट किया, बिना रिमोट के चलने वाला ड्रोन बनाया
सैम ऐंटेना का नेट स्पीड बढाने को लेकर किया ईजाद, बैंगलोर के दयानंद सागर कालेजमें अध्धयनरत,
मैसाचुसेट्स इंजीनियरिंग कॉलेज और यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया, इसरो से आन लाईन क्लास कर कई विषयों में बना सिद्धहस्त
यु ट्युब चैनल बनाकर छात्रों को कर रहा प्रेरित, पिता बनाते हैं सीटकवर, एक बहन कर रही मेडिकल
द जोहर टाइम्स
आज के युग में कुछ भी असंभव नहीं। प्रतिभा से अपने हौसलों को उडान दिया जा सकता है। ग्रामीण इलाकों में संसाधनों की कमी का बहाना बनाने वालों के लिए प्रेरणा का बडा स्रोत है गुदडी का लाल हजारीबाग जिले के चौपारण के महाराजगंज का समीर। उसकी कहानी किसी फिल्म से कम नहीं। इंजीनियरिंग प्रथम वर्ष का यह छात्र बचपन से ही काफी मेधावी रहा। गरीब पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाले समीर के पिता मो शमसेर की सीट कवर बनाने की दुकान है। परंतु गरीबी के बावजूद तमाम कठिनाइयों से जुझते हुए बेटे को इंजीनियरिंग और एक बेटी को मेडिकल में दाखिला दिलवाया।
समीर ने अपनी आरंभिक शिक्षा दादपुर के कस्तूरबा गांधी विद्यालय से आरंभ की। दशवीं के बाद पिता ने किसी तरह कोटा राजस्थान से बारहवीं करवाया। वर्तमान में वह बैंगलोर के दयानंद सागर कालेज आफ इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रॉनिक एवं टेलीकम्युनिकेशन के प्रथम वर्ष का छात्र है। उसने अपनी प्रतिभा का डंका नासा,इसरो जैसे सबसे महत्वपूर्ण संस्थानों तक अपनी ईजाद की गई आधुनिक अविष्कारों को भेज कर की है। नासा ने उसके एक प्रोजेक्ट को शार्ट लिस्ट कर लिया है तथा उसे अपने प्रोजेक्ट के साथ जल्द ही बुलावा आने वाला है।
हमेशा सीखने की चाहत में उसने विश्व के सबसे बड़े इंजीनियरिंग कॉलेज मैसाचुसेट्स इंजीनियरिंग कॉलेज से आन लाईन दस सप्ताह का क्लास साफ्टवेयर टेक्नोलॉजी को लेकर किया। युनिवर्सिटी आफ पेनसिल्वेनिया से निश्शुल्क रोबोटिक्स की पढ़ाई आन लाईन की। इसरो से आन लाईन रिमोट सेंसिंग का कोर्स किया।