जल्द होगा रामलला मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा, ट्रस्ट ने कही ये बड़ी बात…..
अयोध्या : रामभक्तों को जल्द ही भगवान श्रीराम लला के भव्य मंदिर का दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होने वाला है। श्री राम मंदिर निर्माण समिति ने विराजमान रामलला स्थल पर निर्मित हो रहे भव्य और दिव्य मंदिर को प्राण प्रतिष्ठा लायक बनाने की स्थिति में पहुंचाने का समय अब अक्टूबर 2023 निर्धारित कर दिया है. इससे पहले दिसंबर 2023 तक फर्स्ट फ्लोर के तैयार करने की बात कही गई थी.
यह जानकारी निर्माण समिति की प्रथम दिन की बैठक के बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने दी. उन्होंने यह भी बताया कि फिलहाल अब तक गर्भ गृह में 14 फीट ऊंचाई तक का निर्माण हो चुका है. जहां तक परकोटे के फर्श की बात है, तो फर्श पर कालीन वर्क इस तरह किया जाएगा जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनने के साथ ही निर्माण क्षेत्र में एक उदाहरण बन जाए.
चंपत राय ने स्पष्ट किया कि राम मंदिर के निर्माण में कुल 12 दरवाजे लगने हैं. दरवाजों में महाराष्ट्र के टिक की लकड़ी का उपयोग करने का निर्णय लिया गया है. महासचिव ने बताया कि सुग्रीव किला से राम मंदिर के मार्ग को जोड़ने वाले स्थल पर यात्री सुविधा केंद्र बनाया जाएगा, जिसमें एक साथ 25000 श्रद्धालु लाभान्वित हो सकेंगे. यहां नित्य क्रिया सहित सुरक्षा और विश्राम की सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।
बैठक निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में हुई और ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, सदस्य विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, डॉ अनिल मिश्र और गोपाल के अतिरिक्त कार्यदाई संस्था एलएनटी और टीसीआई के उच्च तकनीकी अधिकारी उपस्थित रहे.
पहली मंजिल 19 फिट की, उसके ऊपर रखे जाएंगे बीम
राय ने कहा कि रामलला के मंदिर का पहला मंजिल 19 फिट का है और फिर उसके ऊपर बीम रखे जाएंगे. प्रथम तल का एरिया 14 फीट ऊंचा आकार ले चुका है. ट्रस्ट के महासचिव ने कहा कि ट्रस्ट की मंशा है कि मंदिर निर्माण अक्टूबर 2023 तक पूरा हो जाए, जिससे कि रामलला के नए गर्भ गृह में प्राण प्रतिष्ठा की तिथि का निर्णय लिया जा सके.
गर्भ गृह में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का कार्य मकर संक्रांति के बाद ही होगा, जब सूर्य उत्तरायण होंगे. इसके अलावा मंदिर के फर्श में मकराना मार्बल लगाया जाएगा. फर्श में कालीननुमा इनले वर्क किया जाएगा. राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव ने कहा कि अप्रैल या मई से मकराना मार्बल फर्श पर लगाना प्रारंभ कर दिया जाएगा. रामलला के मंदिर में जो मकराना मार्बल लगाया जाएगा वह 35 मिमी मोटा होगा. फर्स में कालीन नुमा नक्काशी 15 इंच गहराई तक की जाएगी.