रेजांगला के शहीदों की लहू मिश्रित पवित्र मिट्टी भरा कलश 26 दिसंबर को पहुंचेगा हजारीबाग
*चतरा- हजारीबाग सिमाना पर होगा भव्य स्वागत : उमेश गोप*
*मधुवन धर्मशाला मे रेजांगला शहीदों के सम्मान मे यादव महासभा करेगा कई कार्यक्रम*
हजारीबाग: विश्व के दुर्लभतम युद्धों मे से एक माना जाने वाला युद्ध सन् 1962 ई. मे लड़ी गई चीन और भारत के बीच रेजांगला के पोस्ट मे लड़ी गई लड़ाई है जिसमें हमारे भारतीय सेना के कुमाऊं रेजिमेंट के चार्ली कंपनी के 114 जवान चीनी सैनिकों से सीधा लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे शहीद हुए सभी सैनिक अहीर थे. भारतीय सेना के कुमाऊं रेजिमेंट( अहीर रेजिमेंट ) ने 18 नवंबर 1962 को ‘रेजांगला’ में ड्रैगन को करारा सबक सिखाया था। भारतीय जवानों ने अपने शौर्य से चीनी सैनिकों के दांत खट्टे कर दिए और उन्हें पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। तमाम कोशिशों के बावजूद चीनी सैनिक रेजांगला चौकी पर कब्जा नहीं कर पाए थे।
18 नवंबर 1962 को भारत-चीन युद्ध के दौरान 18,000 फीट की ऊंचाई पर रेजांगला पोस्ट पर कुमाऊं रेजिमेंट के 120 अहीर जवानों ने अदभुत वीरता का परिचय दिया था। भारत के वीर जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान करते हुए चीनी सैनिकों को रेंजागला पोस्ट पर कब्जा करने से रोक दिया था. इस युद्ध में कुमाऊं रेजिमेंट के 120 जवानों ने 1310 चीनी सैनिकों को मार गिराया था. भारत माँ के जाबांज वीर जवानों ने .303 के रायफल्स से चीनी सैनिकों को ऐसे घाव दिए जो ड्रैगन को आज भी सालता है।
रेजांगला को इस वक्त भारत की ताकत के तौर पर देखा जाता है। यह इलाका चीनी सीमा के काफी करीब है और यहां से एलएसी की दूसरी तरफ साफ-साफ देखा जा सकता है. उक्त बातों कि जानकारी देते हुए अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा हजारीबाग के अध्यक्ष उमेश गोप ने कहा कि पूरे देश के प्रत्येक राज्य में रेजांगला अहीर धाम से उन्ही वीरों की रक्तरंजित लहु को कलश में भरकर भ्रमण हो रहा है।यह कलश झारखंड के हजारीबाग मे 26 दिसंबर दिन सोमवार चतरा होते हुए अपराह्न 3 बजे हजारीबाग में शुभ आगमन होगा जिसका भव्य स्वागत हजारीबाग चतरा सीमा पर हजारीबाग यादव महासभा के लोगों के द्वारा किया जाएगा। उस कलश को सम्मान पूर्वक अपराह्न लगभग 4 बजे हजारीबाग के मिशन रोड अवस्थित मधुवन धर्मशाला लाया जाएगा जहाँ देश कि सबसे पुराना संगठन अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा जिसकी स्थापना 16 अप्रैल 1925 मे हुई थी उसका शताब्दी समारोह , सेना मे अहीर रेजिमेंट का गठन से संबंधित चर्चा के साथ साथ रेजांगला के शहीदों के समान मे कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इसके उपरांत पवित्र कलश रथ को सम्मानपूर्वक गिरिडीह के लिए विदा किया जाएगा.