चौपारण के महुदी पहुंची बंगाल पुलिस, ईशा आलिया की बंगाल में हुई थी हत्या
ईशा और प्रकाश ने 2012 में किया था विवाह, थी एक मासूम बेटी
चौपारण के महूदि पहुंची बंगाल पुलिस झालीवुड एक्ट्रेस ईशा आलिया के परिजनों से की पूछताछ। इस बाबत ईशा के भाई अजय राणा ने बताया कि बंगाल पुलिस मेरे घर आई और मेरी माँ से पूछताछ कर जानकारी लिया कि जब वो बेटी के साथ रांची में रहती थी तो वहां का माहौल कैसा था क्या वहां कोई ऐसा व्यक्ति आता-जाता था जिस पर वो संदेह रखती हो। साथ ही अन्य कई जानकारियां प्राप्त कर बंगाल पुलिस शीघ्र मामले के तह तक पहुंचने के आश्वासन के साथ यह से रवाना हुई। आइए जानते हैं क्या था पूरा मामला प्रखंड के बहेरा पंचायत के ग्राम महुदी के धनोखी राणा की 27 वर्षीय रिया उर्फ बबिता उर्फ ईशा आलिया की बुधवार सुबह 6 बजे पश्चिम बंगाल के हाबड़ा जिला के उल्बेरिया हाईवे के पास गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी गई थी। आलिया अपने निजी वाहन से अपनी ढाई वर्षीय बेटी एवं पति प्रकाश अलबेला उर्फ प्रकाश रविदास के साथ कोलकाता डांस कॉस्टयूम खरीदने के लिए जा रही थी। इस बीच लघुशंका के लिए गाड़ी से उतरी ही थी कि इस बीच अज्ञात वाहन से दो अपराधी उतर कर गोली मारते हुए फरार हो गए। जिससे आलिया की मौत घटनास्थल पर ही हो गई थी। वही बंगाल पुलिस को घटना की जानकारी मिलते ही शक के आधार पर उसके पति प्रकाश अलबेला के बाद उसका भाई संदीप को हिरासत में ले लिया।
क्या कहा था है रिया के चाचा ने अंतिम संस्कार पर : रिया का अंतिम संस्कार पर भी कई लोगों ने सवाल खड़ा किया था पर रिया के चाचा महेंद्र राणा ने कहा था कि रिया उर्फ बबिता उर्फ ईशा आलिया हजारीबाग में पढ़ती थी। इसी बीच प्रकाश रविदास से परिचय हुआ। जिसके चक्कर मे आकर फिल्मी जगत में जाने की भूत सवार हो गया और उसमें काम करते-करते प्रकाश अलबेला से विवाह कर ली। जिसका समाज के लोगो ने सामाजिक मान्यता नही दिया और रिया के माता-पिता को घर मे बैठ कर काफी समझाने का भी प्रयास किया था, पर गोतिया-परिवार की बात को अनदेखी कर रांची में रहना शुरू कर दिया था। महेन्द्र राणा ने बताया कि भैया धनोखी राणा को लकवा मार दिया जिसके कारण अपने से चलना-फिरना कम हो गया था। जिसके कारण अदा कदा महूदी आते थे। इस बाबत रिया के चाचा महेंद्र राणा ने बताया कि सामाजिक स्तर से भले ही विवाह नही हुआ पर विवाहिता को अपने मायके में अंतिम संस्कार हिन्दू धर्म मे नही किया जाता है। इस लिए महूदी में अंतिम संस्कार करने की इजाजत समाज के लोग नही दिया जिसके बाद उसका अंतिम संस्कार हज़ारीबाग़ मुक्तिधाम में किया गया था।