मुख्यमंत्री का प्रयास का दिखा असर, केन्द्र ने जैन धर्म के सर्वोच्च तीर्थ श्री सम्मेद शिखरजी को इको सेंसेटिव जोन एवं पर्यटन से किया बाहर
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री को लिखा पत्र
जैन धर्मावलंबियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार को श्री हेमंत सोरेन ने पत्र लिख अधिसूचना पर समुचित निर्णय लेने का किया था आग्रह
मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन द्वारा श्री सम्मेद शिखरजी को लेकर केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री श्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखा था। उसपर मंत्रालय ने त्वरित संज्ञान लेते हुए इको सेंसेटिव जोन अधिसूचना के खंड 3 के प्रावधानों के कार्यान्वयन पर तत्काल रोक लगा दी है, जिसमें पर्यटन और इको टूरिज्म गतिविधियां शामिल हैं। बता दें कि मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने पत्र लिख जैन अनुयायियों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार की अधिसूचना संख्या का०आ० 2795 (अ) दिनांक 02.08.2019 के संदर्भ में समुचित निर्णय लेने का आग्रह किया था।
मुख्यमंत्री ने पत्र के माध्यम से कहा था कि पारसनाथ सम्मेद शिखर पौराणिक काल से जैन समुदाय का विश्व प्रसिद्ध पवित्र एवं पूजनीय तीर्थ स्थल है। मान्यता के अनुसार इस स्थान पर जैन धर्म के कुल 24 तीर्थंकरों में से 20 तीर्थंकरों द्वारा निर्वाण प्राप्त किया गया है। इस स्थल के जैन धार्मिक महत्व के कारण भारत एवं विश्व के कोने-कोने से जैन धर्मावलंबी यहां तीर्थ करने आते हैं।