झारखंड सरकार करेगी बिष्णु खीरमोहन पर शोध, शोध टीम पहुंची चौपारण
लोकप्रियता के साथ रोजगार का बनेगा साधन
हजारीबाग। झारखंड सरकार बिष्णु खीरमोहन पर शोध करेगी। इसे लेकर डॉ राम दयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान रांची के द्वारा एक शोध टीम बुधवार को चौपारण स्थित बिष्णु खीरमोहन दुकान पहुंची। मौके पर बिष्णु खीरमोहन दुकान में संस्थान की टीम ने एक घंटे की डाक्यूमेंट्री बनाई। इसे राज्य सरकार की फूड विभाग को सौंपी जाएगी। जहां इस पर विश्वस्तरीय शोधकर्ताओं के द्वारा विशेष शोध किया जाएगा। इसके बाद बिष्णु खीरमोहन को झारखंड सरकार एक धरोहर के रूप में परोसेगी। इससे न सिर्फ लोकप्रियता बढ़ेगी बल्कि कई लोगों के रोजगार का मार्ग भी प्रशस्त होगा। बता दें कि 1932 से संचालित बिष्णु खीरमोहन वर्तमान समय में एक प्रसिद्ध व्यंजन के तौर पर देश भर में अपना स्थान बना चुकी है। इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब यह शहर भी खीरमोहन नगरी के रूप में जाना जाने लगा है।
खीरमोहन के मुरीद हैं नामचीन हस्तियां:
खीरमोहन के जायका का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आजादी के पूर्व से बन रहे इस मिष्ठान के दीवाने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान इस मिष्ठान का आनंद लेते हुए इसकी तारीफ की थी। भूमिदान आंदोलन के जनक डॉ बिनोवा भावे, प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू तिलैया डैम के उद्घाटन के दौरान यात्रा में इसका आनंद उठाया। कैप्टन कूल के नाम से विख्यात क्रिकेट खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी के अलावा पूर्व रेलमंत्री व बिहार के मुख्यमंत्री लालू यादव, उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सपा नेता अखिलेश यादव, पूर्व वित्त व विदेश मंत्री यशवन्त सिन्हा, शॉटगन के नाम से मशहूर शत्रुघ्न सिन्हा, राजब्बर, वर्तमान केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी सहित कई हस्तियों ने खीरमोहन का आनंद लिया।
देश विदेश में पहुंचा खीरमोहन की महक:
खीरमोहन राज्य व अपने देश तक ही सीमित नहीं रही बल्कि इसकी महक विदेशों में भी लोगों को आकर्षित किया है। इसमें स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब, अमेरिका, नेपाल, थाईलैंड, पाकिस्तान, बंग्लादेश सहित कई देशों में खीरमोहन की सोंधी खुशबू पहुंच चुकी है। इसे वहां रह रहे लोग भी अपने चाहने वालों से मंगवाते रहे हैं।