जन्म देकर नवजात को शिशु को झाडी में फेका, माँ की ममता को किया कलंकित
झाडी में फेंके गए नवजात शिशु को मिला ममता की छावं
निःसंतान दम्पति ने अपनाया, बच्ची को मिली माता पिता का साया
सिमरिया/चतरा। सिमरिया थाना क्षेत्र के देल्हो चलकी गांव स्थित एक तलाब के समीप सोमवार की रात झाडी में फेका एक जीवित नवजात शिशु मिला। जिसे गांव के हीं राजू भारती ने नवजात शिशु को अपना कर लालन पालन के लिए अपना लिया। जानकारी के अनुसार बीते रात को किसी कलंकित अज्ञात माँ ने प्रसव कर एक झाडी में फेक दी थी। जहां चलकी गांव निवासी राजू भारती ने शौच के लिए अर्ध रात्रि को तलाब के तरफ गया था। नवजात शिशु की आवाज सुनकर पहले तो चौक गया। फिर झाड़ियों के तरफ गया तो वहां एक नवजात शिशु को पड़ा देखकर ममता झलक गया और शिशु को लेकर आनन- फानन में रात को हीं सिमरिया रेफरल अस्पताल पहुंचा, जहां मौजूद चिकित्सकों ने देखभाल और ईलाज किया। अंततः सिमरिया अनुमण्डल पदाधिकारी सुधीर कुमार दास और थाना प्रभारी विवेक कुमार को इसकी जानकारी दी गयी। अधिकारियों की जानकारी में चलकी गांव निवासी ने निःसंतान होने के कारण अज्ञात शिशु को अपनाते हुए ममता के आंचल में समेट लिया। दम्पति का कहना है कि यह बच्चा मेरे लिए ईश्वर द्वारा दिया गया उपहार है। मैं इसे लालन- पालन कर अपना हक अधिकार अपने परिसम्पत्ति में दूंगा। इस तरह एक माँ ने अपना ममता का गला घोंट दिया है। जो समाज के लिए असहनीय और दुर्भाग्य पूर्ण है। क्या पुत्री माँ की कोख से जन्म लेना। नवजात पुत्री को जुर्म है। समाज में कैसी अवधारणाएं फ़ैल चुकी है कि पुत्र होना हीं आवश्यक है। यदि नारी नहीं होती तो सृष्टि का परिकल्पना करना संभव नहीं होता।
महज एक ख़्वाब सा होती।