6 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट को मिले 5 नए जज, चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने दिलाई शपथ
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को 5 नए जजों को शपथ दिलाई गई। ऐसे में अब कुल न्यायाधीशों की संख्या 32 हो गई है।
केंद्र सरकार ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के 5 नए जजों के नाम को मंजूरी दी थी। जिसके बाद सोमवार को उनका शपथग्रहण समारोह हुआ। सुप्रीम कोर्ट सभागर में चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने उनको पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके बाद नए जजों ने अपना पदभार ग्रहण किया।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने पिछले साल दिसंबर में 5 जजों के नामों की सिफारिश की थी। जिसमें जस्टिस पंकज मित्तल, जस्टिस संजय करोल, जस्टिस पी.वी. संजय कुमार, जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस मनोज मिश्रा का नाम शामिल था। शनिवार को केंद्र सरकार की ओर से इसको मंजूरी दे दी गई। वहीं इन जजों के शपथग्रहण के बाद सुप्रीम कोर्ट में कुल न्यायाधीशों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है। हालांकि अभी भी दो जजों की कमी है। वहीं दूसरी ओर इस साल सुप्रीम कोर्ट के 9 जज रिटायर हो रहे, ऐसे में फिर से जजों की संख्या कम हो जाएगी।
सर्वोच्च अदालत से मिली जानकारी के मुताबिक जस्टिस अब्दुल नजीर पिछले महीने सेवानिवृत्त हुए, जबकि जस्टिस एमआर शाह मई में रिटायर होंगे। वहीं जस्टिस केएम जोसेफ, जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम का रिटायरमेंट जून में है। इसके बाद जस्टिस कृष्ण मुरारी जुलाई और जस्टिस रवींद्र भट्ट अक्टूबर में सेवानिवृत्त हो जाएंगे। वहीं इस साल के अंत में जस्टिस संजय किशन कौल का कार्यकाल खत्म होगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ को नवंबर 2024 तक के अपने कार्यकाल में 19 न्यायिक नियुक्तियां करनी होंगी।
केंद्र की देरी पर जताई थी नाराजगी
आपको बता दें कि हाईकोर्ट के पांच जजों के नाम को केंद्र सरकार के पास भेजा गया था, लेकिन उनकी मंजूरी में देरी हो रही थी। जिस पर जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एएस ओका ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा था कि ये एक गंभीर मुद्दा है। इसमें देरी का परिणाम प्रशासनिक और न्यायिक कार्रवाई के तौर पर निकलेगा, जो बहुत असहज हो सकता है।