उपायुक्त नैन्सी सहाय की मां राजलक्ष्मी सहाय की पुस्तिका हुई लांच
देशभक्ति से ओतप्रोत पुस्तक अमेजन पर 250 रुपये में उपलब्ध
हजारीबाग
हजारीबाग जिले की उपायुक्त नैंसी सहाय की मां राजलक्ष्मी सहाय के द्वारा लिखी गई तिरंगे को समर्पित कथा संग्रह जिसका नाम उन्होंने जय हिंद रखा है । जय हिंद पुस्तिका सोशल मीडिया के अमेजॉन ऐप पर प्रखर गूंज पब्लिकेशन के द्वारा बेची जा रही है।
अमेजॉन ऐप पर महज ढाई सौ कीमत है। इस पुस्तिका में कुल 120 पन्ने पर लिखी गई है। इस पुस्तिका में राजलक्ष्मी सहाय ने अपने लेख के माध्यम से लिखा है की देशभक्ति और राष्ट्रप्रेम अब पंद्रह अगस्त और छब्बीस जनवरी
को झंडा फहराने की औपचारिकता बन सिमट न जाए इसी भाव से लहराते तिरंगे की जागृति जनमानस में भरने हेतु एक प्रयास है जय हिंद। स्वदेश पर अभिमान राष्ट्र पर गर्व, देश के लिए त्याग और कर्तव्य का बोध अनवरत जागृत होता रहे । आखिर वह कैसी पीढ़ी थी जिनकी संतानों ने अपना अधखिला जीवन पुष्प मातृभूमि के चरणों पर अर्पित कर दिया ।। तिरंगे की भाषा और भाव समझने वाला विवेक कैसे उत्पन्न हो भारतीय समाज में। बदलती प्राथमिकताओं वाले वर्तमान भारतीय समाज में राष्ट्रप्रेम की जगह कहां और कितनी है ? जय हिन्द की कहानियां कुछ उथल पुथल मचा सके तो सार्थक है ताबूतों में तिरंगे से लिपटे सैनिकों पर भी जब राजनीतिक रोटी पकाई जाए तो बलिदान भी शर्मिंद होता है। अब महादेव हैं भी परिवेश के प्रति काफी समाज में तो पोता दूर परदेश में जींस और गिटार थामे आदिवासी युवा को देख सिद् कान्हो अचरज में हैं। ये कहानियां क्या आपको कुरेदने का सामर्थ्य रखती हैं। इनी बातों को ध्यान में रखते हुए राजलक्ष्मी सहाय के द्वारा तिरंगे को समर्पित कथा संग्रह लिखी गई है। राजलक्ष्मी सहाय ने आम जनमानस से अमेजॉन ऐप के माध्यम से इस पुस्तिका को खरीदने की आम जनता से अपील की कहा कि जय हिंद पर लिखी गई इस लेख को हर व्यक्ति को अवश्य पढ़नी चाहिए क्योंकि इस लेख में आज के ‘कुछ दशार्या गया ।