नन बैंकिंग वालों की अब खैर नहीं पकड़े जाने पर 2 से 7 साल की सजा, 3 से 10 लाख तक जुर्माना
जालसाज अब नही हड़प पाएंगे, आपकी मेहनत की गाढ़ी कमाई,
विज्ञापन देने पर 1 से 5 साल की सजा, थानां प्रभारी कानून के तहत कार्रवाई कर सकते है
प्रमंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता में झारखंड अनियमित जमा योजना नियमावली पर प्रतिबंध,
2022 के संबंध में संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन
हज़ारीबाग: वर्ष 2019 में केंद्र सरकार के द्वारा बैनिंग ऑफ़ अनरेगुलेटेड डिपॉजिट एक्ट बनाया गया है जो पूरे भारत में जम्मू-कश्मीर को छोड़कर लागू किया गया है। इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य अनरेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम अर्थात पैसा जमा करनेवाली वैसी योजना जो किसी भी रेगुलेटेड अथॉरिटी द्वारा रेगुलेट नहीं किया गया है उनपर नियंत्रण रखने एवं जमाकर्ताओं के हितों का संरक्षण करने के लिए इस अधिनियम को बनाया गया है। राज्य विधानसभा में भी ऐसे कई मामले प्रकाश में आए जिसमे आम लोगों का पैसा किसी स्कीम के तहत जमा तो करवा लिया गया लेकिन उन्हें पुनः भुगतान नहीं किया गया। जिसके मद्देनजर वित्त विभाग झारखंड सरकार के द्वारा केंद्र सरकार एक्ट के आलोक में बड्स नियम (BUDS Rule- Jharkhand Banning Of Unregulated Deposite Scheme Rule) 2022 का गठन किया गया हैं। उक्त अधिनियम की जानकारी वित्त विभाग झारखंड सरकार के संयुक्त सचिव अखौरी शशांक सिंहा के द्वारा समाहरणालय सभागार कक्ष हजारीबाग में प्रमंडलीय आयुक्त चंद्र किशोर उरांव की अध्यक्षता में आयोजित संवेदीकरण कार्यशाला में दी गई।
*कार्यशाला में अखौरी शशांक सिन्हा ने उक्त अधिनियम की विभिन्न प्रावधानों की जानकारी साझा करते हुए उपस्थित अधिकारियों को अवगत कराया कि अनरेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम का मामला प्रकाश में आने पर थाना प्रभारी मामले की जांच कर आगे की कार्यवाही Jharkhand Banning Of Unregulated Deposite Scheme Rule, 2022 के तहत कर सकते हैं।*
बर्ड्स नियम के तहत दंड का प्रावधान
अनरेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम का अपराध साबित हो जाने पर Banning Of Unregulated Deposite Scheme Rule, 2022 के तहत दंड का प्रावधान किया गया है। यदि किसी जमाकर्ता कंपनी के जरिए ग्राहकों का पैसा ले लिया गया और भुगतान ना किया गया हो तो इस संबंध में 2-7 साल की सजा एवं 3-10 लाख का जुर्माना का प्रावधान किया गया है। वहीं अगर जमाकर्ता के द्वारा स्कीम का प्रचार-प्रसार किया गया हो तो 1-5 साल की सजा का प्रावधान किया गया है।
*आपको बता दें कि द बेनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम एक्ट 2019 की धारा 7(1) के अंतर्गत पदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए माननीय राज्यपाल झारखंड एतद् द्वारा प्रमंडलीय आयुक्तों को सक्षम पदाधिकार एवं धारा 7(2) के अंतर्गत सभी जिलों के उपायुक्तों को उनके क्षेत्राधिकार के स्थानीय सीमा के लिए सक्षम प्राधिकार का सहायक पदाधिकारी नियुक्त किया गया है।*
*कार्यशाला का समापन उपायुक्त महोदया नैंसी सहाय के द्वारा उपस्थित अधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापन कर किया गया। उन्होंने कहा कि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के द्वारा इस अधिनियम का प्रचार-प्रसार किया जाएगा जिससे अधिक-अधिक लोगों को इस अधिनियम की जानकारी मिल सके।*
*आयोजित कार्यशाला में आरबीआई के डीजीएम शमीम अंसारी, पुलिस अधीक्षक हजारीबाग मनोज रतन चौथे, अपर समाहर्ता धनबाद नंदकिशोर गुप्ता, अपर समाहर्ता हजारीबाग राकेश रोशन, अपर समाहर्ता पदन कुमार मंडल, अपर समाहर्ता कोडरमा अनिल कुमार तिर्की एवं अन्य जिलों के पुलिस उपाधीक्षक संग अन्य उपस्थित रहे।*