एनटीपीसी द्वारा अवैध खनन के दोषियों को बचाने वाले डीएफओ पर केंद्र ने दिया कार्रवाई का निर्देश
सौ एकड़ एरिया में अवैध खनन को लेकर डीएफओ ने बनाया था दो रिपोर्ट
केंद्र ने झारखंड के प्रधान सचिव को जांच,कार्रवाई कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा
हज़ारीबाग़ – हज़ारीबाग़ जिले के बड़कागांव में एनटीपीसी के पंकरी बरवाडीह कोल परियोजना में भारत सरकार के शर्तों का उल्लंघन कर लाइफलाइन दुमुहानी नाला को नष्ट कर त्रिवेणी-सैनिक माईनिंग कंपनी द्वारा 37.20 हेक्टेयर एरिया में अवैध खनन किए जाने पर हज़ारीबाग़ के तत्कालीन डीएफओ आर एन मिश्रा द्वारा दो तरह की रिपोर्ट बनाने पर केंद्र की तरफ से दो बड़ा एक्शन हुआ है। मंटू सोनी की शिकायत पर सेंट्रल विजिलेंस कमीशन ने पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के चीफ विजिलेंस ऑफिसर को जांच कर कार्रवाई का आदेश दिया है। दूसरा एक्शन भारत सरकार के पर्यावरण, वन,एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सहायक वन महानिरीक्षक सुनीत भारद्वाज ने झारखंड सरकार के प्रधान सचिव( वन) को डीएफओ द्वारा अवैध खनन पर दो रिपोर्ट बनाए जाने पर कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। इसके साथ कार्रवाई से सम्बंधित मंत्रालय को प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा है।
डीएफओ ने पहली रिपोर्ट में एनटीपीसी के तीन अधिकारियों को अवैध खनन का दोषी बताया
हज़ारीबाग़ के तत्कालीन पश्चिमी वन प्रमंडल पदाधिकारी आरएन मिश्रा ने एनटीपीसी के त्रिवेणी-सैनिक माईनिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा सौ एकड़ एरिया में अवैध माईनिंग कोई जाने को लेकर दो रिपोर्ट बनाया था । डीएफओ ने मार्च 2022 को वन संरक्षक,प्रादेशिक अंचल हज़ारीबाग़ को दिए पहली रिपोर्ट में तीन बिंदुओं पर कार्रवाई की अनुसंशा किया था ।पहले बिंदु में अनाधिकृत खनन हेतु उपयोग किए सौ एकड़ एरिया के पांच गुना एन पी भी वसूला जाए,दूसरे बिंदु में सौ एकड़ एरिया के पांच गुणा दंड क्षतिपूर्ति पौधरोपण करने और तीसरे बिंदु में एनटीपीसी के कार्यकारी निदेशक प्रशांत कश्यप,विक्रम चंद्र दुबे ,अपर महाप्रबंधक ( खनन) और रंजीत प्रसाद उप महाप्रबंधक (खनन) पर वन संरक्षण अधिनियम के तहत दो धाराओं में कार्रवाई की अनुशंसा किया था।
*डीएफओ ने पहली रिपोर्ट बदलकर दूसरी रिपोर्ट में किसी को दोषी नही बताया*
हज़ारीबाग़ के तत्कालीन पश्चिमी वन प्रमंडल पदाधिकारी आरएन मिश्रा ने एनटीपीसी के त्रिवेणी-सैनिक माईनिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा सौ एकड़ एरिया में अवैध माईनिंग कोई जाने को लेकर मार्च महीने में लिखे पहली रिपोर्ट को बदलकर वन संरक्षक प्रादेशिक अंचल हज़ारीबाग़ को जून 2022 में दूसरी रिपोर्ट में विभिन्न विरोधा भाषी रिपोर्ट का हवाला देकर अवैध खनन को लेकर किसी भी अधिकारी को दोषी नही बताया और सिर्फ अनाधिकृत खनन हेतु उपयोग किए सौ एकड़ एरिया के पांच गुना एन पी भी वसूलने और सौ एकड़ एरिया में अवैध खनन के पांच गुणा दंड क्षतिपूर्ति पौधरोपण का अनुशंसा किया था।