भूमाफियाओं ने फर्जी दस्तावेज बनाकर कृष्ण मठ की 17 एकड़ भूमि बनाकर खरीद-बिक्री कर दिया
अंचलाधिकारी ने रिपोर्ट में कहा- पंजी दो के अवलोकन से ऐसा प्रतीत होता है है कि मूल पृष्ठ को बदलकर नया पृष्ठ जोड़ा गया
रामगढ़ – रामगढ़ जिले के रजरप्पा थाना अंतर्गत रामकृष्ण मठ के 17 एकड़ जमीन को भूमाफियाओं ने जाली पेपर बनाकर बेच दिया है। जिसको लेकर रामगढ़ के समाजसेवी पंकज महतो ने रजरप्पा थाना में मामला दर्ज करने के लिए आवेदन दिया है। आवेदन में कहा गया है कि रामगढ़ के रजरप्पा थाना क्षेत्र के रामकृष्ण मठ जो कि मौजा कुंदरू खुर्द थाना नंबर 120 खेवट नंबर 4 खाता नंबर 77 प्लॉट नंबर 1590,1625 इत्यादि कुल रकवा 17.18 एकड़ भूमि भगवान राधा कृष्ण जी के नाम से रजिस्टर्ड थी,और उक्त धार्मिक स्थल की भूमि का जमाबंदी अंचल रामगढ़ अंतर्गत राजस्व ग्राम कुंदरू खुर्द के राजस्व पंजी 2 पृष्ठ संख्या 93/1 में भगवान राधा कृष्ण के नाम से जमाबंदी कायम है। परंतु सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी कागज बनाकर भगवान राधाकृष्ण की जमीन की खरीद बिक्री की जा रही है। जिसमें रामअवतार साव,मसोमात मीणा देवी,मसोमात गीता देवी, राधेश्याम अग्रवाल,शंकर अग्रवाल,गणेश प्रसाद रतन साव,प्रदीप कुमार,गौरी शंकर अग्रवाल,बिनोद कुमार,सुनील कुमार,राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल ( सभी का पता संलग्न कागजात में अंकित) व जमीन के खरीददार अंकित पोद्दार,शरद पोद्दार,मोहित कुमार पोद्दार एवं रामगढ़ अंचल कार्यालय के कर्मचारी,अधिकारी व सर्किल अधिकारी के साथ निबंधक अधिकारी रामगढ़ भी भूमाफियाओं के साथ मिलीभगत कर भगवान राधा कृष्ण की जमीन को फर्जी कागज बनाने और रजिस्ट्री करने में अहम भूमिका निभाया ताकि भूमाफिया उक्त जमीन को बेच सकें । उपरोक्त भूमाफियाओं और अंचल कार्यालय के कर्मचारी-अधिकारियों द्वारा गलत दस्तावेज का निर्माण किया गया ।
*अंचलाधिकारी ने कागजातों में छेड़छाड़ की पुष्टि करते हुए रिपोर्ट दिया था*
रामकृष्ण मठ की जमीन की अवैध कागजात बनाकर खरीद बिक्री के सम्बंध में तत्कालीन अंचल अधिकारी द्वारा पत्रांक संख्या 422 दिनांक 18 फरवरी 2020 को अनुमंडल पदाधिकारी रामगढ़ को भेजे गए जांच रिपोर्ट से पुष्टि होती है। जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि उक्त भूमि के पंजी दो के अवलोकन से ऐसा प्रतीत होता है है कि मूल पृष्ठ को बदलकर नया पृष्ठ जोड़ा गया है। उपरोक्त तथ्यों से स्पष्ट सिद्ध होता है कि भूमाफियाओं,अंचल कर्मचारी-अधिकारियों और निबंधन,निबंधक रामगढ़ के आपसी मिलीभगत कर फर्जी दसतावेज का निर्माण कर भगवान राधाकृष्ण मठ के जमीन को खरीद-बिक्री किया गया है।