पंचायत तीसरी नहीं पहली सरकार है-
सुनील कुमार ,सचिव ,भारत सरकार
तीसरी सरकार अभियान की राष्ट्रीय कार्य समिति के सदस्यों के साथ “जीवंत ग्राम सभा” पर विमर्श
तीसरी सरकार अभियान (TSA) तथा इंडिया पंचायत फाउंडेशन (IPF) के द्वारा ‘वाइब्रेंट ग्राम सभा’ के संदर्भ में 02 मई 2023 को एक अत्यंत महत्वपूर्ण आनलाईन संवाद का आयोजन किया गया.,इसमें मुख्य वक्ता के रुप में सुनील कुमार ,सचिव, पंचायती राज मंत्रालय , भारत सरकार ने तीसरी सरकार अभियान की राष्ट्रीय कार्य समिति ( NWC) के सदस्यों के साथ बहुत ही सार्थक व उत्साहवर्धक विमर्श तथा उन्हें गाइड किया।
इस आनलाईन संवाद में देश के 21 राज्यों से लगभग 14 0 सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ताओं और पंचायत प्रतिनिधियों की सक्रिय सहभागिता रही.
जीवंत ग्राम सभा के लिए लंबे अर्से से जमीनीस्तर पर कार्य कर रहे TSA की NWC के सदस्यों का अनुभव व सुझाव सुनने के बाद सचिव पंचायतीराज ने कहा कि 73 वें संविधान संशोधन के बाद ग्राम सभा एक संवैधानिक संस्था है और इसकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। ग्राम सभा को सशक्त और जीवंत बनाने के लिए सरकार के साथ सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय व्यक्तियों और संस्थाओं को भी प्रयास करना होगा। व्यवस्था में भी कई स्थापनाएं अंग्रेजी राज के जमाने की हैं, उनमें बदलाव के लिए कोशिश होनी चाहिए। 73वें संविधान संशोधन के बाद भी 30 वर्ष का समय बीत चुका है, इसलिए ग्राम सभा और ग्राम पंचायत की प्रक्रिया को को नये परिप्रेक्ष्य में समझने की जरूरत है। उन्होंने पंचायत व्यवस्था को तीसरी की बजाय लोक मानस में पहली सरकार के रूप में प्रतिष्ठित करने का आवाहन किया.
विमर्श कार्यक्रम के प्रारंभ में डा.चन्द्रशेखर प्राण ने बाइव्रेंट ग्राम सभा के लिए राज्य सरकारों के लिए भारत सरकार द्वारा जारी मार्गदर्शिका के विविध पक्षों को प्रस्तुत करते हुए विभिन्न राज्यों के कार्यकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत जमीनी वस्तुस्थिति को संकलित रूप से प्रस्तुत किया.
इसके बाद TSA की NWC के सदस्यों – जनाब आकिस नसीर (जम्मू और कश्मीर) , सुश्री शुभाप्रेम (उत्तर प्रदेश), सुश्री पंक्ति जोग ( गुजरात), श्री सुधीर पाल (झारखंड) और श्री भीमभाई रास्कर (महाराष्ट्र ) ने ग्राम सभा की भूमिका के संदर्भ में चुनौतियों और कठिनाइयों को बताते हुए जीवंत ग्राम सभा के विकास के संदर्भ में उसके नियमों में सुधार के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए.
IPF तथा मिशन समृद्धि के प्रमुख श्री अरुण जैन ने कहा कि ग्राम सभा की जीवंतता और सशक्तीकरण के लिए कुछ व्यवहारिक प्रयोग करके कुछ गांवों में माडल बनाने होंगें तथा इसकी प्राप्ति के लिए डिजाइन थिंकिंग के आधार पर एक नई रणनीति व कार्ययोजना बनानी होगी। उन्होंने सरकार तथा सामाजिक संगठनों की एक फिजिकल कार्यशाला का भी प्रस्ताव रखा.
सचिव महोदय ने इस फिजिकल राष्ट्रीय कार्यशाला के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए इस बिषय पर गंभीर रूप में सकारात्मक रूप से कार्य कर रहे सामाजिक संगठनों तथा संबंधित सरकारी विभाग व अभिकरणों की संयुक्त कार्यशाला के प्रति आश्वस्त किया.
विमर्श के अंत में TSA के संगठन समूह के प्रमुख श्री विजय कुमार ने सम्पूर्ण विमर्श के मुख्य बिन्दुओं को प्रस्तुत किया तथा TSA के सलाहकार श्री योगेश आंदले ने राष्ट्रीय स्तर के साथ साथ स्थानीय स्तर पर भी कुछ प्रशिक्षण संस्थाओं की आवश्यकता बतायी,
कार्यक्रम के अंत सुश्री मीता उपाध्याय (TSA उत्तराखंड)ने सचिव पंचायतीराज भारत सरकार , IPF तथा TSA
के सदस्यों और प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया।