झारखंड के राज्यपाल पहुंचे आज मेरु कैंप, नवप्रशिक्षु उपनिरिकक्षकों को दी बधाई
हजारीबाग:
सहायक प्रशिक्षण केन्द्र, सीमा सुरक्षा बल, मेरू, हजारीबाग के रानी झांसी परेड ग्राउण्ड में आज सीमा सुरक्षा बल के 139 उप निरीक्षक (सीधी भर्ती), बैच संख्या-67 जो कि भारत के विभिन्न प्रांत से हैं, 51 सप्ताह के कठिन परिश्रम, लगन एवं साधना के पश्चात बुनियादी प्रशिक्षण पूर्ण कर दीक्षांत परेड मे शामिल हुए। उपनिरीक्षक(सीधी भर्ती) प्रशिक्षुओं को शारीरिक प्रशिक्षण, विभिन्न हथियारों का प्रशिक्षण, फील्ड क्राफ्ट, बैटल क्राफ्ट, माइनर टैक्टिस, मैप रीडिंग, फील्ड इंजीनियरिंग, डिजास्टर मैनेजमेंट, तैराकी, असाल्ट, एडवेंचर, टूर पर्सनालिटी डेवलपमेंट बॉर्डर टूर एवं अन्य विषयों का जैसे कि सीमा सुरक्षा बल के विभिन्न सीमान्तों व उन क्षेत्रों की विशेषताओं के विषय में समुचित जानकारी, वहॉं के हालात, चुनौतियां, कार्यशैली के विषय में विस्तार पूर्वक प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। इसके साथ-साथ, विभिन्न कानूनों, मानवाधिकारों की भी जानकारी दी गयी है। दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में महामहिम सी पी राधाकृष्णन, राज्यपाल (झारखण्ड) महोदय ने सलामी ली एवं परेड का निरीक्षण किया।
इस अवसर पर हजारीबाग एवं आस-पास के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण एवं गणमान्य महानुभाव भी उपस्थित रहे। दीक्षांत परेड में शामिल 139 उप निरीक्षक (सीधी भर्ती) ने संविधान की रक्षा, राष्ट्र की एकता, अखंडता व संप्रभुता बनाए रखने के लिए खुद को समर्पित करने की शपथ ली तथा शानदार ड्रिल और मार्च पास्ट कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। इस दौरान मुख्य अतिथि ने ओवरआल बेस्ट परफारमेंस समेत विभिन्न विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले नवउपनिरीक्षकों को ट्राफी प्रदान कर उनका मनोबल बढाया। डैनियल अधिकारी, महानिरीक्षक, प्रशिक्षण केन्द्र हजारीबाग के अनुरोध पर, बतौर मुख्य अतिथि महामहिम सी पी राधाकृष्णन ने अपने संबोधन में नवप्रशिक्षु उपनिरीक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि, आज के इस दीक्षांत परेड के पश्चात वे औपचारिक तौर पर, सीमा सुरक्षा बल जो कि भारत की प्रथम रक्षा पंक्ति है के महत्वपूर्ण सदस्य बन गये हैं और बल में, कर्तव्य निर्वाहन के लिए प्रथम कदम रखने जा रहे हैं। उन्हांेने नवप्रशिक्षु उपनिरीक्षकों के माता-पिता एवं परिजनों को भी बधाई देते हुए कहा कि आपने अपने सपूतों को सीमा सुरक्षा बल में भेजकर देष-सेवा के कार्य हेतू महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
महामहिम राज्यपाल ने याद दिलाते हुये कहा कि सीमा सुरक्षा बल ने 1971 के भारत-पाक युद्ध में सराहनीय योगदान दिया है साथ ही भारत कि उग्रवाद प्रभावित प्रान्तों जैसे कि पंजाब, जम्मू एवं कश्मीर, पूर्वोतर क्षेत्रों एवं नक्सल प्रभावित राज्यों जैसेः छतीसगढ़ एवं ओडीसा में नक्सल विरोधी अभियान में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया एवं इस दौरान बल के अनेकों वीर जवानों ने अपना प्राण भी देष सेवा के लिये समर्पित किया है।
महामहिम राज्यपाल ने सहायक प्रशिक्षण केन्द्र के कुशल अनुदेशकों की टीम को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए बधाई दी। जवानों के द्वारा योगाभ्यास का बेहतरीन प्रदर्शन प्रस्तुत किया जिसे देखकर उपस्थित अतिथिगण एवं अन्य दर्शकों ने भूरी-भूरी प्रंशसा की। एवं बीएसएफ बैण्ड की धुन ने भी दर्शकों को काफी आकर्षित एवं रोमांचित किया। इस अवसर पर हजारीबाग के जनप्रतिनिधि, बी.एस.एफ. के अधिकारीगण, अधिनस्थ अधिकारियों एवं अन्य कार्मिकों एवं उनके परिवार के सदस्य भी उपस्थित रहे।