Sunday, November 24, 2024

एनटीपीसी द्वारा सड़क मार्ग से अवैध ट्रांसपोर्टेशन पर केंद्र का कड़ा रुख,राज्य सरकार से जल्द मांगा फैक्ट रिपोर्ट

एनटीपीसी द्वारा सड़क मार्ग से अवैध ट्रांसपोर्टेशन पर केंद्र का कड़ा रुख,राज्य सरकार से जल्द मांगा फैक्ट रिपोर्ट

अवैध ट्रांस्पोर्टेशन पर डीएफओ द्वारा एनटीपीसी से पूछकर विधानसभा में गलत और भ्रामक जवाब देने की जानकारी के बाद केंद्र हुई गंभीर

हज़ारीबाग़ – हज़ारीबाग़ में एनटीपीसी के पंकरी बरवाडीह कोल परियोजना में भारत सरकार के शर्तों के खिलाफ सड़क मार्ग से कोयला परिवहन किए जाने और ट्रांसपोर्टेशन के दौरान हुई दो मौत,कन्वेयर बेल्ट चालू रहने के बाद भी विधानसभा में डीएफओ हज़ारीबाग़ द्वारा एनटीपीसी से पूछकर गलत जवाब देने के मामले में केंद्र सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। मंटू सोनी के लिए झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता नवीन कुमार सिंह की तरफ से भेजे गए लीगल नोटिस के बाद केंद्र सरकार ने झारखंड सरकार से जल्द से जल्द फैक्ट रिपोर्ट की मांग किया है। लीगल नोटिस में अवैध ट्रांसपोर्टेशन के दौरान हुई मौतों पर दोषियों पर हत्या का मामला दर्ज करने और वन विभाग द्वारा अवैध ट्रांसपोर्टेशन को संरक्षण देने के साथ गलत रिपोर्ट देने और उसके लिए ट्रांजिट परमिट जारी किए जाने का आरोप लगाया गया है।

*भारत सरकार से डीएफओ और राज्य सरकार की भूमिका पर खड़े किए गए गंभीर सवाल,केंद्र हुई गंभीर

हज़ारीबाग़

विधानसभा में डीएफओ सबा आलम के रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने विधानसभा में जो जवाब दिया था,उसी को लेकर अधिवक्ता नवीन कुमार सिंह ने गंभीर सवाल खड़ा करते हुए भारत सरकार को लीगल नोटिस भेजने का ग्राउंड तैयार किया।
लीगल नोटिस में केंद्र सरकार को यह कहा गया है कि भारत सरकार की शर्तों का अनुपालन करवाना वन विभाग के स्थानीय अधिकारी करते हैं और शर्तों के खिलाफ कार्य होने पर वन विभाग के स्थानीय अधिकारियों ही जिम्मेवार होते हैं और उनपर कार्रवाई होती है। ऐसे में वन विभाग यह स्वीकार कर रहा है कि कन्वेयर बेल्ट और सड़क मार्ग से कोयला परिवहन करने के लिए एनटीपीसी को ट्रांजिट परमिट जारी कर रहा है । डीएफओ को एनटीपीसी द्वारा जो जवाब उन्हें दिया गया उसी को डीएफओ ने सरकार को भेज दिया । उनके द्वारा न तो भारत सरकार के शर्तों का अध्ययन किया गया और न ही एनटीपीसी द्वारा दिए गए जवाब में सही गलत का तुलना किया गया। क्योंकि एनटीपीसी और वन विभाग, भारत सरकार के जिस नोटिफिकेशन को आधार बनाकर सड़क सड़क मार्ग से कोयला परिवहन किए जाने की दलील दी रहा है । उसी नोटिफिकेशन में यह स्पष्ट किया गया है कि कन्वेयर बेल्ट/रेल मार्ग का अस्ट्रक्चर नही बनने की स्तिथि में ही सड़क मार्ग से कोयला परिवहन किया जा सकता है। जब एनटीपीसी का कन्वेयर बेल्ट बन गया है तो किस आधार पर डीएफओ ने उस नोटिफिकेशन का सहारा लेकर अवैध ट्रांसपोर्टेशन को आधार बना रहा है । महत्वपूर्ण सवाल यह खड़ा होता है एनटीपीसी भी कन्वेयर कार्यरत नही होने की बात कहा है । उसके द्वारा ऐसा नही कहा गया है कि कन्वेयर बेल्ट नही बना है। इन्हीं बिंदुओं को लेकर वन विभाग की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़ा करते हुए केंद्र सरकार को लीगल नोटिस भेजा गया था।

*पश्चिमी डीएफओ ने एनटीपीसी से पूछकर विधानसभा में दिया झूठा जवाब*

भारत सरकार ने एनटीपीसी द्वारा अवैध तरीके से सड़क मार्ग से कोयला परिवहन के मामले में राज्य सरकार से जो फैक्ट रिपोर्ट की मांग किया है उसका मुख्य कारण झारखंड विधानसभा में विधायक लोबिन हेम्ब्रम द्वारा विधानसभा में कन्वेयर बेल्ट बन जाने के बाद सड़क मार्ग से कोयला परिवहन के लिए वन विभाग द्वारा ट्रांजिट परमिट जारी करने को लेकर सवाल पूछा गया था। जिसके जवाब में हज़ारीबाग़ पश्चिमी वन प्रमंडल पदाधिकारी सबा आलम के रिपोर्ट के आधार पर सरकार की तरफ से विधानसभा में एनटीपीसी से पूछकर गलत जवाब दिया गया था। विधानसभा में सरकार ने यह कहा था कि एनटीपीसी के महाप्रबंधक ने वन विभाग को यह कहा कि विधि व्यवस्था के विभिन्न कारणों को लेकर कन्वेयर बेल्ट अभी पूर्ण रूप से कार्यरत नही हो पाया है । ( यहाँ यह जिक्र करना महत्वपूर्ण है कि एनटीपीसी ने कन्वेयर बेल्ट बन जाने को लेकर इनकार नही किया है सिर्फ कार्यरत नही होने की बात कही है,जबकि इसका कोई तकनीकी साक्ष्य नही है और न ही ऐसा नोटिफिकेशन में जिक्र है। ) जिसके कारण भारत सरकार के वर्ष 2020 के नोटिफिकेशन के आधार पर सड़क मार्ग से कोयला परिवहन करने के लिए ट्रांजिट परमिट जारी किया जा रहा है।

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