मधुबन में मुंबई की दो कुंवारी बहनें आज लेंगी जैन धर्म की दीक्षा, सांसारिक मोह-माया छोड़ बनेंगी साध्वी
गिरिडीह : जिले के शाश्वत तीर्थ सम्मेद शिखरजी मधुबन स्थित जैन श्वेतांबर संस्था तलेटी तीर्थ में आज 2 बहनें जैन धर्म की दीक्षा ली.
आचार्य मुक्ति प्रभु सुरेश्वर जी महाराज के आगमन होने के साथ ही दोनों बहनों को दीक्षा संस्कार से सुशोभित किया जाएगा. सोमवार को होने वाले दीक्षा महोत्सव के आयोजन को लेकर दोनों बहनों के माता-पिता व परिजनों ने रविवार को भव्य शोभायात्रा निकाली.
इस यात्रा को बरगोड़ा भी कहा जाता है. सभी तरह की धार्मिक विधियां पूरी करते हुए मायानगरी मुंबई निवासी दो चचेरी बहन ने सांसारिक मोह माया का त्याग कर साधु दीक्षा ग्रहण करने आचार्य सत्संग के समक्ष पहुंची. मुंबई निवासी 19 वर्षीय दर्शी कुमारी और 15 वर्षीय देशना कुमारी ने साधु संतों के दिनचर्या से प्रभावित होकर साधु जीवन को अपनाने का कठोर निर्णय लिया है.
दोनों मुमुक्षु दीक्षार्थी बीते 3 साल से साधु संतों के सानिध्य में साथ रहकर धर्म साधना में लीन है. साधु संतों के प्रेरणा व मुमुक्षु की सहमति से दोनों बहनों को आज धार्मिक विधि-विधान से साध्वी दीक्षा प्रदान की जाएगी. दीक्षा महोत्सव के निमित्त तीन दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा. इसके तहत रविवार को मधुबन में गाजे-बाजे के साथ भव्य वर्षी दान यात्रा भी निकाली गई है. आपको बता दें कि यह दोनों बहने अपनी स्वेच्छा से साध्वी की दीक्षा ग्रहण करने जा रही है.
वहीं इनके माता-पिता का भी कहना है कि उनकी बेटी की इच्छा का सम्मान करना उनका कर्तव्य है. ऐसे में धर्म की रक्षा करने और धर्म का पालन करने के लिए उनकी बेटी सांसारिक मोह माया छोड़ कर साध्वी बन रही है. इसका पूरा सम्मान करते हैं और समर्थन भी. दोनों बहनों के परिजन व माता-पिता भी मुंबई से मधुबन पहुंच चुके हैं और यहां पर साध्वी की दीक्षा अपनी बेटी को ग्रहण कराने के बाद वे पुनः इन दोनों को मधुबन में ही छोड़कर मुंबई वापस चले जाएंगे.