एनटीपीसी में अवैध खनन-परिवहन मामले में सेंट्रल टीम सोमवार को करेगी निरीक्षण
भारत सरकार ने एनटीपीसी की गड़बड़ियों की जांच के लिए कमिटी बनाया
हज़ारीबाग़ – भारत सरकार ने हज़ारीबाग़ जिले के बड़कागांव में एनटीपीसी के पंकरी बरवाडीह कोल परियोजना में अवैध खनन और परिवहन के शिकायतों पर मंटू सोनी के लिए पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता नवेन्दु कुमार द्वारा भेजे गए लीगल नोटिस पर केंद्रीय टीम गठित किया है। जो सोमवार को पंकरी बरवाडीह साइट स्थल निरीक्षण के लिए जाएगी । एनटीपीसी त्रिवेणी-सैनिक माईनिंग पर लगातार यह आरोप लगा रहा था कि स्थानीय अधिकारियों को प्रभावित कर नियम शर्तों का उल्लंघन कर अवैध खनन-परिवहन कर रही है। जिसके बाद केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया है।
*सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर वन विभाग के अधिकारियों की मदद से त्रिवेणी-सैनिक कर रही अवैध खनन*
पंकरी बरवाडीह कोल परियोजना में एनटीपीसी के त्रिवेणी-सैनिक माईनिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा भारत सरकार के शर्तों का उल्लंघन कर दोमुहानी नाला(नदी) को नष्ट कर करीब एक सौ एकड़ में अवैध खनन कर लिया गया है और अवैध खनन अब भी जारी है। एनटीपीसी को भारत सरकार से शर्तों में संशोधन का कोई आदेश नही मिला है उसके बाद भी वन विभाग के अधिकारियों के मिलीभगत से अवैध खनन किया जा रहा है। शिकायत में वन विभाग के अधिकारियों पर यह आरोप लगाया गया है कि भारत सरकार के शर्तों का अनुपालन नही कराया गया और खनन के आरोपियों से मिलकर अवैध खनन पर रोक नही लगाया गया है। जबकि सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि जब तक फॉरेस्ट क्लियरेंस के वगैर खनन अवैध है। इसके बावजूद वन विभाग के अधिकारी कंपनी के पक्ष में रिपोर्ट बनवाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन कर शर्तों में संशोधन दिलवाने की अनुसंशा कर रहे हैं।
*कंवेयर बेल्ट बनने के बावजूद हो रहा सड़क मार्ग से अवैध ट्रांस्पोर्टेशन,पश्चिमी डीएफओ पर गंभीर सवाल*
एनटीपीसी द्वारा भारत सरकार की शर्तों के खिलाफ कंवेयर बेल्ट बन जाने के बाद भी सड़क मार्ग से अवैध ट्रांस्पोर्टेशन किया जा रहा है। जिसको लेकर हज़ारीबाग़ पश्चिमी डीएफओ सबा आलम अंसारी पर गम्भीर सवाल उठाया जा रहा है । अवैध ट्रांस्पोर्टेशन को वन विभाग द्वारा अनैतिक तरीके से संरक्षण दिया जा रहा है । वन विभाग द्वारा अवैध ट्रांस्पोर्टेशन के लिए ट्रांजिट परमिट भी जारी किया जा रहा है पश्चिमी डीएफओ द्वारा अवैध ट्रांस्पोर्टेशन पर पूछे गए सवाल पर विधानसभा में जवाब देने के लिए भी एनटीपीसी से पूछकर जवाब दिया गया है। एनटीपीसी ने पश्चिमी डीएफओ को जो जवाब दिया है, उसमें यह नही कहा गया है कि कंवेयर बेल्ट नही बना है,सिर्फ यह कहा गया है कि कंवेयर बेल्ट पूर्ण रूप से कार्यरत नही है । सड़क मार्ग से ट्रांस्पोर्टेशन के लिए भारत सरकार द्वारा वर्ष 2020 के जिस नोटिफिकेशन को आधार बनाया गया है ।जबकि उसी नोटिफिकेशन में यह स्पष्ट किया गया है कि रेल मार्ग और कंवेयर सिस्टम नही बनने की स्तिथि में सड़क मार्ग से कोयला ट्रांस्पोर्टेशन करना है। उसमें कहीं भी यह जिक्र नही किया गया है कि कंवेयर सिस्टम पूर्ण रूप से कार्य करता है या नही ? उसके लिए किस परिस्तिथि में कंवेयर सिस्टम पूर्ण रूप से संचालित माना जाएगा ? ऐसा कोई मापदंड तय नही किया गया है। फिर भी उसी को सही मानते हुए डीएफओ ने नियमों-निर्देषों का अध्ययन किए वगैर विधानसभा में जवाब देने के लिए सरकार को रिपोर्ट भेज दिया था।