Sunday, September 22, 2024

मुख्यमंत्री ने किया कई योजनाओं की समीक्षा, दिए कई निर्देश….

मुख्यमंत्री ने किया कई योजनाओं की समीक्षा, दिए कई निर्देश….

 

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा के क्रम में दिए कई निर्देश

 

 

मुख्यमंत्री ने दिए ये निर्देश

 

जल जीवन मिशन के तहत इस माह के अंत तक ग्रामसभा करा कर शत प्रतिशत टैप वाटर से आच्छादित 505 गांवों के हर घर जल सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश। इसके लिए स्पेशल ड्राइव चलाया जाए।

 

भूमिगत जल के रिचार्ज और सभी तरह के जलाशयों के संरक्षण के लिए एक्शन प्लान तैयार करने का निर्देश।

 

जल की बर्बादी ना हो, इसके लिए सभी तरह के आवासीय परिसरों में वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था को प्रभावी बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाएं।

 

विभाग की ओर से बताया गया कि जल जीवन मिशन के तहत 36 प्रतिशत घरों में नल से पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था हो चुकी है।

 

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के अद्यतन कार्य प्रगति की समीक्षा की।

 

मुख्यमंत्री ने कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए…

 

14 अगस्त 2023 तक राज्य के शत प्रतिशत पात्र किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) से आच्छादित करें।

 

राज्य में 24 लाख से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है, हर हाल में यह लक्ष्य प्राप्त होना चाहिए।

 

विगत 2 वर्षों में किसानों के बीच 10,912 करोड़ रुपए की राशि किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के जरिए वितरित किया गया है। राज्य के किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करना सरकार की प्राथमिकता है। पूरी प्रतिबद्धता के साथ किसानों से संबंधित प्रत्येक योजना को पारदर्शिता के साथ उन तक पहुंचाएं।

 

मुख्यमंत्री कृषि ऋण राहत योजना में किसी भी हाल में लापरवाही नहीं बरतें। चिन्हित पात्र किसानों को मुख्यमंत्री कृषि ऋण राहत योजना का लाभ अवश्य पहुंचाएँ।

 

कृषि ऋण माफी के वैसे लाभुक जो छूटे हुए हैं उनकी वस्तुस्थिति एकत्र कर ऐसे सभी जरूरतमंद किसानों को लाभ पहुंचा कर saturate करने का काम करें।

 

मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के तहत वितरित किए गए पशुओं का बीमा अनिवार्य करें। कमेटी बनाकर पशु बीमा इंश्योरेंस में पहुंच रही बाधाओं को दूर करें।

 

वैसे पशु बीमा कंपनी जिन्होंने लापरवाही बरती है उनपर कड़ी कानूनी कार्रवाई करें।

 

वित्तीय वर्ष 2022-23 में मुख्यमंत्री पशु विकास योजना के तहत पशु बीमा हेतु राज्य सरकार ने 12 करोड़ रुपए का प्रीमियम भरा है, परंतु पशु बीमा का लाभ राज्य के किसानों को नहीं मिल पा रहा है। पशु बीमा का लाभ अनिवार्य रूप से किसानों के मिले यह हर हाल में सुनिश्चित करें।

 

हमारे किसान मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना का लाभ लेने के लिए बड़ी मुश्किल से निवेश करते हैं। किसानों को किसी प्रकार से कोई नुकसान नही पहुंचे इसका विशेष ध्यान रखें।

 

खरीफ फसल हेतु बीज वितरण एवं फर्टिलाइजर सप्लाई का कार्य ससमय पूरा करें। वितरण कार्य में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखें।

 

राज्य के प्रत्येक जिले में फर्टिलाइजर स्टॉकिस्ट बनाएं। यूरिया, डीएपी सहित अन्य फर्टिलाइजर की उपलब्धता सुनिश्चित करें।

 

 

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने डीएमएफटी (डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाऊंडेशन ट्रस्ट) के अद्यतन कार्य प्रगति की समीक्षा की।

 

मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश..

 

डीएमएफटी फंड का उपयोग प्रत्येक जिला शुद्ध पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, सड़क, आधारभूत संरचना सहित अन्य विकास योजनाओं के कार्य के लिए प्राथमिकता के तौर पर करें।

 

डीएमएफटी फंड से जनहित की कई योजनाएं ली जा सकती हैं। सही योजना लेकर जरूरतमंद लोगों को अधिक से अधिक लाभ देने का प्रयास करें।

 

कई जिलों में डीएमएफटी फंड के तहत बड़ी राशि उपलब्ध है। डीएमएफटी फंड को खनन क्षेत्र की विकास योजनाओं में खर्च करने का बेहतर रोडमैप तैयार कर योजना का अनुमोदन लें।

 

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने ऊर्जा विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा की

 

ऊर्जा विभाग द्वारा लागू की गई वन टाइम सेटेलमेंट स्कीम का अब तक 50, 185 उपभोक्ता लाभ ले चुके हैं। इसके जरिए विभाग को बकाया बिजली बिल के रूप में 84.5 करोड़ रुपए की प्राप्ति हुई है। ज्ञात हो कि बकाया बिजली बिल की वसूली के लिए विभाग ने यह योजना शुरू की है। 30 जून तक उपभोक्ता इस योजना का लाभ उठा सकते हैं । इसके तहत 31 दिसंबर 2022 तक जिन उपभोक्ताओं का बिजली बिल बकाया है, वे एक से पांच किश्त में अपने बकाए बिल का भुगतान करते हैं तो उनकी ब्याज की राशि माफ की जा रही है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बिजली आपूर्ति और स्मार्ट मीटर को लेकर आवश्यक निर्देश दिए।

 

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अद्यतन कार्य प्रगति की समीक्षा की।

 

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा..

 

झारखंड एजुकेशन रिफॉर्म की ओर आगे बढ़ रहा है। पहले चरण में 80 स्कूलों को स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के रूप में तब्दील किया गया है। सभी वर्ग-समुदाय के लोगों ने शिक्षा के क्षेत्र में किए गए इस नई पहल को सराहा है। बच्चों ने स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में तब्दील इन विद्यालयों में नामांकन को लेकर रुचि दिखायी है। अभिभावकों में बच्चों के क्वालिटी एजुकेशन को लेकर राज्य सरकार के प्रति विश्वास जगा है। आने वाले समय में सरकार का यह नवीन पहल राज्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इन स्कूलों पर सभी जिलों के उपायुक्त विशेष नजर रखें।

 

मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश..

 

अक्सर देखा जाता है कि सरकारी व्यवस्था की शुरुआत बहुत अच्छी होती है लेकिन अंत उतनी अच्छी तरह से नहीं होता है। स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के मामले में ऐसा बिल्कुल नहीं हो यह सभी की जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसी भी तरह स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की व्यवस्था ध्वस्त न हो यह सुनिश्चित करें। 

 

राज्य के प्रत्येक जिलों में अलग-अलग व्यवस्थाएं एवं क्षमताएं हैं। स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में कई और चीजें जोड़ने की आवश्यकता है। उपायुक्त निरंतर इन स्कूलों का मॉनिटरिंग करें।

 

कभी-कभी विभाग या कार्यपालिका के अंदर कार्यशैली में विसंगतियां पाई जाती हैं जो उलझने पैदा करती हैं। कई बार व्यवस्थाओं में चीजें पीछे जाने लगती है ऐसा बिल्कुल न हो इसका ख्याल रखें।

 

सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को पठन-पाठन के अलावा और कोई कार्य में न लगाएं इस निमित्त विभाग एक नियमावली तैयार करे। विभाग यह भी सुनिश्चित करें कि जिला के उपायुक्त जिला शिक्षा पदाधिकारियों के साथ बैठक कर गुणवत्ता शिक्षा के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य करे।

 

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने राजस्व ,भूमि सुधार एवं निबंधन विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा की

 

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने राजस्व, भूमि सुधार एवं निबंधन विभाग की समीक्षा के क्रम में दाखिल खारिज के हज़ारों मामले के लंबित होने एवं निरस्त किए जाने को गंभीरता से लिया । उन्होंने कहा कि जब ऑनलाइन म्यूटेशन की व्यवस्था शुरू की गई है तो फिर दाखिल खारिज के मामलों के निष्पादन में विलंब होना काफी चिंताजनक है। मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे ऑनलाइन म्युटेशन सिस्टम की निगरानी करने के साथ उसकी नियमित समीक्षा करें। इस सिलसिले में अंचल अधिकारियों और राजस्व कर्मचारियों के साथ बैठक कर दाखिल खारिज के मामलों के लंबित और निरस्त किए जाने की वजह की जानकारी लें। अगर इसमें जानबूझकर लापरवाही बरती जा रही है तो संबंधित अधिकारियों कर्मचारियों पर कार्रवाई हो। तय समय सीमा में दाखिल खारिज के मामले निपटाए जाएं, यह सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

 

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा की

 

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग की समीक्षा के क्रम में कहा कि पंचायत स्तरीय दवा दुकान योजना सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना के तहत ग्रामीण युवाओं को दवा दुकान के लिए लाइसेंस दिया जाना है। इस योजना को प्रभावी बनाने के लिए सभी उपायुक्त अपने-अपने जिलों में विशेष रणनीति बनाकर कार्य करें । इस संबंध में युवाओं को इस योजना के तहत दवा दुकान खोलने के लिए प्रेरित करें।

 

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग के अद्यतन कार्य प्रगति की समीक्षा की।

 

मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश..

 

विभाग जाति प्रमाण पत्र 30 दिन के भीतर निर्गत कराना सुनिश्चित करे।

 

वर्ग 9-12 में अध्ययनरत बच्चों को अभियान चलाकर प्राथमिकता के तौर पर जाति प्रमाण पत्र निर्गत करें।

 

स्कूली शिक्षा विभाग तथा प्रज्ञा केंद्र बेहतर समन्वय बनाते हुए प्रमाण पत्र निर्गत करने का कार्य करें।

 

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने 12 विभागों के महत्वपूर्ण योजनाओं विस्तार से समीक्षा की

 

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिया निर्देश – विकास को लेकर जो लक्ष्य निर्धारित है उसे ससमय हासिल करें

 

मुख्यमंत्री ने कहा – सभी जिलों में अगले 3 महीने के दौरान सोलर पार्क योजना शुरू की जाएगी

 

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा- सरकार की नीतियां प्रभावी तरीके से लागू होने चाहिए

 

सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट्स के क्रियान्वयन में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं

 

अधिकारियों के सहयोग से राज्य में विकास की गई ऊंचाइयों को हासिल करेंगे

 

 

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने 12 विभागों की महत्वपूर्ण योजनाओं की समीक्षा के क्रम में सभी उपायुक्तों से कहा कि वे अपने- अपने जिले में एक ही जगह कम से कम 5 एकड़ जमीन उपलब्ध कराएं । इस जमीन पर अगले 3 महीने के अंदर सोलर पार्क योजना शुरू की जाएगी। मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों से सभी तरीके के सरकारी जमीनों का आईडेंटिफिकेशन करने के साथ वहां सरकार का बोर्ड लगाने का निर्देश दिया।

 

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से ये बातें भी कहीं…

 

बिरसा हरित ग्राम योजना में 1 लाख एकड़ प्रति वर्ष का हम लोग लक्ष्य रखे थे, आप लोग इसे 25 हजार एकड़ प्रति वर्ष पर ला दिए। इस वर्ष किसी भी कीमत पर इस लक्ष्य को 50 हजार एकड़ पर ले जाइए। 3 महीने का काम है सब लोग लग जाइए। नर्सरी की बात हो रही थी। मुझे लगता है कृषि विभाग के पास नर्सरी बनाने का पैसा भी रहता है, आप सुनिश्चित कीजिये की प्रत्येक किसान पाठशाला में एक-एक नर्सरी प्रारंभ हो। इसके लिए अलग से पैसा का व्यवस्था कीजिये।

 

प्रत्येक राशन कार्ड धारी परिवार के लिए दो-दो फलदार पौधा का व्यवस्था कीजिये। राशन डीलर के माध्यम से पूरे राज्य में इसे एक तिथि निर्धारित करके बंटवाइए।

 

अभी तक पंचायत में एक खेल के मैदान का लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है। यह प्रतिशत जो देख रहे हैं और हम भी कह रहे हैं कि 81 % अचिवेमेंट है, बढ़िया है। परन्तु, दूसरा पक्ष क्या है ? आप अपने जिलों में 3 वर्ष में पंचायत में एक खेल का मैदान नहीं बना पाए हैं। कार्य में सुधार लाइए। प्रत्येक पंचायत में 1-1 नये खेल का मैदान स्वीकृत कीजिये। अगली बार रिव्यु में हम प्रति पंचायत 2 खेल के मैदान पूरा देखना चाहते हैं।

 

प्रत्येक खेल के मैदान के चारों तरफ पौधा इसी बरसात में लगाने की व्यवस्था कीजिये मनरेगा से प्रत्येक गाँव में सिद्धो-कान्हो क्लब बनाना था। अभी तक राज्य भर में एक भी नहीं बन पाया है। मेरी गुजारिश होगी कि अगले 3 महीने में प्रत्येक पंचायत में एक-एक क्लब बना दीजिये। मेरी योजना है कि इन क्लबों को पोटो हो खेल के मैदान के देख रेख का जिम्मा दिया जाए एवं प्रति वर्ष खेल सामग्री के लिए कुछ राशि भी दी जाएगी।

 

कुआँ का खेल झारखण्ड में बहुत पुराना है। आप स्थल निरिक्षण करवाइए तभी कुआँ स्वीकृत कीजिये। अगले 3 माह में सभी 1 लाख कुआँ की स्वीकृति मिल जानी चाहिए। उपायुक्त इसमें विशेष रूचि लेंगे।

 

10 वर्ष से हम लोग पंचायत भवन बना रहे हैं परन्तु अभी तक पूरा नहीं कर पाए हैं। अगले 3 महीने में जहाँ भवन स्वीकृत नहीं हुआ है वहाँ स्वीकृत कीजिये एवं बिजली, सोलर यूनिट, प्रज्ञा केंद्र, एप्रोच रोड, कंप्यूटर कि व्यवस्था सभी पंचायत भवनों में हो जानी चाहिए।

 

सभी पंचायत भवन का एक रंग होना चाहिए। अगले 7 दिन के अन्दर विभाग इसे फाइनल करके जिलों को भेज दे, मुझे भी दिखा लीजियेगा। कहीं से फण्ड कि व्यवस्था कीजिये और इस काम को 3 महीने के अंदर पूरा करवाइए। नाम के साथ एक अच्छा फ्लेक्स भी लगवाइये सभी भवनों में।

 

आईटी डिपार्टमेंट 3 महीने के अन्दर सभी पंचायत भवन, PACS / LAMPS एवं JSLPS के CLF में प्रज्ञा केंद्र खुलवाना सुनिश्चित करे। CMEGP पोर्टल जल्द प्रारंभ हो जाना चाहिए । हम पहले भी कहे हैं आप अपने-अपने जिले में खुद के प्रयास से 10 अच्छा प्रोजेक्ट प्रारंभ करवाइए। सैलून,मिट्टी का बर्तन का काम से सम्बंधित, डोकरा बनाने का यूनिट, गाड़ी का वर्कशॉप, डेयरी, चमड़े से जुड़ा उद्योग, लकड़ी के काम से जुड़ा यूनिट, सिलाई केंद्र इस ढंग के और भी काम हैं। आप लोग अपने जिले में कम-से-कम एक-एक यूनिट स्वीकृत करवाइए।

 

15 दिन के अन्दर सभी आंगनबाड़ी भवनों को अगले 3 वर्ष में बनाने की कार्ययोजना हमारे समक्ष होनी चाहिए। आप लोग किस ढंग से काम किये हैं उसकी बानगी देखिये कि पेंशन योजना में सिर्फ 6.5 लाख लोगों का ही मोबाइल नंबर दिया गया है और यह हम नहीं मान सकते हैं कि इतने सारे परिवारों के पास या उसके पास-पड़ोस में मोबाइल है ही नहीं। इस स्थिति को सुधारिए।

 

 सावित्री बाई फुले योजना में अभी भी बहुत बच्चियां छूट गयी हैं। सभी सरकारी विद्यालय से इस सम्बन्ध में सर्टिफिकेट लीजिये।

 

ग्रामीण विकास/ कल्याण/कृषि विभाग मिलकर बैठक करे एवं 1 महीने के अन्दर मुख्यमंत्री पशुधन योजना के इस वर्ष के लक्ष्य के अनुरूप योजनाओं को स्वीकृत कर दे।

 

 किसान क्रेडिट कार्ड देने में हमने अच्छी प्रगति की है। जून-जुलाई में किसानों को क्रेडिट की बहुत आवश्यकता होती है। आप लोग 15 दिन का एक कार्यक्रम बनाइए। इस दरम्यान कम से कम 5 लाख किसानों को KCC से जोड़िये।

 

जल जीवन मिशन में सही से काम करना होगा। नहीं तो झारखण्ड जैसे राज्य के लिए यह योजना अभिशाप सिद्ध होगी। जैसे चापाकल में 30- 40 फीट ही पाइप डालता था वैसे ही इसमें भी अगर किया गया तो समझ लो और ऐसा हो रहा होगा। आप उपायुक्त इस योजना पर भी विशेष ध्यान देंगे।

 

DMFT में आप लोग कुछ भी योजना ले लेते हैं। CS महोदय 10-15 मोडल प्रोजेक्ट बनवाइए। जिलों को भेज दीजिये और हो सके तो जिले इन्हीं में से योजनाओं का चयन करें। जिले में आप अपनी मर्जी से जितनी संख्या में योजना लेना है लीजिये।

 

उत्कृष्ट विद्यालय पर आप सभी का विशेष ध्यान होना चाहिए। वहां सुचारू रूप से SMC अपना काम करे, साफ़-सफाई हो, मध्याहन भोजन मिले। यह आपको देखना है। कोई जिला अपनी तरफ से कुछ जोड़ना चाहता है तो उसका भी स्वागत है। दूसरे जिले आपसे सीखेंगे।

 

पशु बीमा पर अभी मेरी नजर गयी थी। हम बीमा कर रहे हैं और गाँव में पशु मर भी रहे हैं ऐसे में उन्हें सहयता क्यों नहीं मिल रही है ? जहाँ तक मुझे जानकारी मिली है इसमें बहुत बड़ा घोटाला सामने आने वाला है। कहीं बीमा कंपनी शर्त लगा रखी है कि 15 दिनों के बाद अगर मृत्यु होती है यह उसकी जिम्मेवारी नहीं होगी। कहीं लिखा है कि बीमा राशि सिर्फ लाभुक अंशदान के विरुद्ध ही मिलेगा। आखिर इतना कुछ हो रहा था और सभी लोग आँख बंद किये हुए थे। सभी जिले पशु बीमा से सम्बंधित रिपोर्ट 7 दिनों के अन्दर भेजेंगे और उपायुक्त इस विषय पर अपने जिले में थोड़ा ध्यान दें।

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