Sunday, September 22, 2024

अधिक-से-अधिक वृक्षारोपण करें ताकि आने वाली पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित रह सके- राज्यपाल, 10वीं की स्टेट टॉपर श्रेया एवं जिला टॉपर कुणाल को सम्मानित किया

अधिक-से-अधिक वृक्षारोपण करें ताकि आने वाली पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित रह सके- राज्यपाल, 10वीं की स्टेट टॉपर श्रेया एवं जिला टॉपर कुणाल को सम्मानित किया

परिवहन के साधन की वृद्धि के अनुपात में वृक्षारोपण भी नितांत आवश्यक- राज्यपाल

औद्योगिक विकास के साथ पर्यावरण संतुलन भी आवश्यक- राज्यपाल

आगामी 1 वर्ष में 1 करोड़ से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य- राज्यपाल

 राज्यपाल श्री सी०पी० राधाकृष्णन ने आज पूर्वी सिंहभूम जिला के चाकुलिया प्रखंड के के.एन.जे. हाई स्कूल में वन प्रबंधन एवं संरक्षण महासमिति और जोहार भारत फेडरेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लेते हुए कहा कि पर्यावरण सुरक्षा आज विश्व के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई है और इसके लिए पूरा विश्व चिंतित है। पर्यावरण असंतुलन के कारण सूखा, अत्यधिक गर्मी, अनावृष्टि, बेमौसम अतिवृष्टि इत्यादि में वृद्धि हो रही है जिसके कारण करोड़ों लोग प्रभावित हो रहे हैं। इसका मुख्य कारण प्राकृतिक संसाधनों का अविवेकपूर्ण दोहन होना, कूड़े-कचड़े और अपशिष्ट पदार्थों का अनियोजित ढ़ंग से फेंका जाना, कल-कारखानों के निर्माण के साथ ही उससे होनेवाले प्रदूषण को रोकने के उपाय का अभाव, कीटनाशक पदार्थों का अंधाधुंध प्रयोग, वैज्ञानिक तकनीक का न अपनाना तथा जानकारी का अभाव होना है। उन्होंने कहा कि निरंतर बढ़ती हुई जनसंख्या की मौलिक आवश्यकताओं की पूर्ति तथा उनके आर्थिक स्तर में वृद्धि के लिए औद्योगिक विकास अत्यंत ही आवश्यक है। परिवहन के साधन में भी वृद्धि होना जरूरी है, लेकिन इसके साथ वृक्षारोपण में भी वृद्धि भी उसी अनुपात में आवश्यक है।
राज्यपाल महोदय ने कहा कि आज भू-गर्भ जल का स्तर निरंतर नीचे जा रहा है। विभिन्न जिलों में भ्रमण के क्रम में वहाँ जल-स्तर एवं सिंचाई संबंधी समस्या से लोगों ने मुझे अवगत कराया। उनके द्वारा उपायुक्त एवं सिंचाई विभाग के अधिकारियों को जल-संचयन हेतु लंबित परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करने का निदेश दिया गया। इसके लिए राज्य सरकार का भी ध्यान आकृष्ट किया जा रहा है।
राज्यपाल महोदय ने कहा कि हमारा राज्य खनिज संपदा से परिपूर्ण है, देश का सर्वाधिक खनिज संपदा यहाँ मौजूद हैं, यदि इसका सुनियोजित तरीके से उपयोग किया जाय तो दुनिया की कोई ताकत हमारे राज्य की समृद्धि को रोक नहीं सकती, बस पर्यावरण संतुलन को ध्यान में रखते हुए इस दिशा में कार्य करने की जरूरत है।
राज्यपाल महोदय ने कहा कि इस संस्था द्वारा दिनांक 5 जून से 17 जून तक गाँवों में पर्यावरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, आज समापन समारोह है। संस्था द्वारा पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य किया जाना सराहनीय है। पर्यावरण के क्षेत्र में पद्मश्री श्रीमती जमुना टुडू जी का उल्लेखनीय योगदान रहा है। माननीय प्रधानमंत्री जी ने भी उनके कार्यों की सराहना की है।
राज्यपाल महोदय ने कहा कि ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ के अवसर पर एन.एस.एस. के स्वयंसेवकों के साथ राज भवन में उनके द्वारा 50 से अधिक पौधे लगाये गये। उनका प्रयास है कि आने वाले एक वर्ष में राज्य में 1 करोड़ से अधिक पौधे लगाये जाये जिसमें 90 प्रतिशत फलदार पौधे हों।
राज्यपाल महोदय ने सभी से अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने हेतु आग्रह किया ताकि आगे आने वाली पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित रहे। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी को आगे आना होगा। हमारे पूर्वजों ने वृक्षों को लगाया, बढ़ाया है एवं उनकी पूजा करते आए हैं। झारखंड में सरहुल पर्व पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक भी माना जाता है। राज्यपाल महोदय ने कहा कि परिवार में होने वाले सभी शुभ कार्यों यथा शादी के अवसर पर, किसी शिशु के जन्म लेने के अवसर पर या अन्य महत्वपूर्ण अवसर पर पौधा अवश्य लगाएं। इतना ही नहीं पर्यावरण को बचाने के लिए कोई भी सामाग्री लेने बाहर जाये तो कपड़े का थैला लेकर जायें।
राज्यपाल  ने उक्त कार्यक्रम में 10वीं की स्टेट टॉपर श्रेया एवं जिला टॉपर कुणाल, जो चाकुलिया के रहने वाले हैं, को सम्मानित किया। साथ ही पर्यावरण के रक्षा करने वाले एवं अन्य सामाजिक कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित किया।

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