Sunday, November 24, 2024

पिता को मुखाग्नि देने लंदन से आई बेटी बोली- जब तक नीतीश कुमार को हराएंगे नहीं, मास्क नहीं हटाएंगे

पिता को मुखाग्नि देने लंदन से आई बेटी बोली- जब तक नीतीश कुमार को हराएंगे नहीं, मास्क नहीं हटाएंगे

दरभंगा : विपक्षी एकता के जरिए देश की नरेंद्र मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने की योजना बना रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी के पूर्व एमएलसी की बेटी पुष्पम प्रिया चौधरी ने लंदन से आने के बाद पिता को मुखाग्नि देकर यह बातें कही।

दरभंगा जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर विशनपुर गांव निवासी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बेहद करीबी माने जाने वाले और पुष्पम प्रिया के पिता विनोद कुमार चौधरी का दरभंगा के बलभद्रपुर में निधन हो गया। वह जदयू के एमएलसी रहे थे। पुष्पम प्रिया ने अपने पिता को मुखाग्नि देने के बाद कहा कि कल मेरे पिताजी का निधन हो गया है वह अब हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन मैं अपने कार्यों से जब तक मैं जिंदा हूं मैं उन्हें जीवित रखने की पूरी कोशिश करूंगी। उन्होंने कहा कि मैंने उन्हें मुखाग्नि दिया है साथ में मेरी बहन भी थी। हम दो बेटियां हैं उनकी। और हमारे घर में जितने भी हमारे चाचा हैं, उनके भतीजे हैं सब हमारे साथ हैं। मेरे पिताजी बहुत अच्छे इंसान थे। बहुत आसानी से वह लोगों को माफ कर देते थे। खुश रहना चाहते थे। मैं उतनी अच्छी नहीं हूं लेकिन बहुत सारी चीजों में मैं पिताजी की तरह बनना चाहती हूं। शायद बन नहीं पाऊं।

उनका तरीका अलग था मेरा तरीका अलग

पुष्पम प्रिया ने कहा कि इतना अच्छा इंसान मैं शायद कभी बन ना पाऊं। जिस दिन जीतेंगे, उसे हटाएंगे, और आज जो कुछ भी हमारे साथ हुआ है पता नहीं उससे उबर पाएंगे या नहीं उबर पाएंगे लेकिन यह प्रण अब और भी गहरा हो गया है। मेरे पिताजी भी चाहते थे कि बिहार बदले, तरक्की हो, मैं भी वही चाहती हूं उनका तरीका अलग था मेरा तरीका अलग था लेकिन एक चीज जो उन्होंने हमेशा किया, उन्होंने मेरी बहुत इज्जत की बचपन से ही। यही एक कारण था कि उन के सबसे चहेते नीतीश कुमार जी के तरीकों से जब मैं सहमत नहीं थी, नहीं हूं, सभी जानते हैं मेरे पिताजी के बहुत चहेते हैं। पुष्पम ने कहा कि मेरे पिता फिर भी मेरी इज्जत की, और मैंने जो भी निर्णय लिया मेरे पिता ने मेरा विरोध नहीं किया।

जीतने की जरूरत है

पुष्पम प्रिया ने कहा कि बिहार की बदहाली से जीतने की जरूरत है। पता नहीं लोगों को हक समझ में आता है या नहीं लेकिन एक आदत जरुर हो गई है। उन्होंने कहा कि लोगों को शायद मेरी भाषा समझ में नहीं आती क्यों कि आदत हो गई है, जो चीज मुझे नजर आती है। हम कितना बेहतर हो सकते हैं, हम कितना आगे जा सकते हैं, शायद यही कारण है कि मैं आऊं नहीं तो फिर यहां होने का कोई कारण ही नहीं है कोई जो एक बार यहां से निकल जाता है वह वापस नहीं आता। तो उसी से जीतना है। पुष्पम प्रिया ने कहा कि कोई बाहर से आकर नहीं जीतेंगे, सबको मिलकर जीतना पड़ेगा। अपने बिहार में कौन बिहार के हैं कौन बिहार के नहीं हैं, खुद ही समझना पड़ेगा। पुष्पम ने कहा कि हमारे बहुत सारे कार्यकर्ता हैं जिन से हमने वादा किया था कि जब तक जीत नहीं जाएंगे तब तक मास्क नहीं हटाएंगे।

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