जानिए धर्म को:- नाग नागपंचमी आज, साल में एक बार खुलते हैं नागचंद्रेश्वर मंदिर के कपाट, कुछ ऐसी है धार्मिक मान्यताएं
धार्मिक नगरी उज्जैन में भगवान महाकालेश्वर मंदिर के ठीक ऊपर विराजमान भगवान नागचंद्रेश्वर मंदिर के कपाट नाग पंचमी पर रात 12 बजे खुलेंगे, जहां मान्यता के अनुसार मंदिर के कपाट खुलते ही भगवान नागचंद्रेश्वर की त्रिकाल पूजा की जाएगी।
भगवान नागचंद्रेश्वर की त्रिकाल पूजा का मतलब तीन अलग-अलग समय पर पूजा है, जिसमें पहली पूजा मध्यरात्रि में महानिर्वाणी होती है। दूसरी पूजा नागपंचमी के दिन दोपहर में शासन द्वारा की जाती है, और तीसरी पूजा नागपंचमी की शाम को भगवान महाकाल की पूजा के बाद मंदिर समिति करती है। इसके बाद रात 12 बजे वापिस से एक साल के लिए बंद हो जाएंगे।
कुछ ऐसी है धार्मिक मान्यता
भगवान नागचंद्रेश्वर मंदिर को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित हैं, जहां एक धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एक समय में सांपों के राजा तक्षक ने भगवान भोलेनाथ को मनाने के लिए तपस्या की थी, जहां राजा की ओर से की गई तपस्या से भोलेनाथ प्रसन्न हुए और सर्पों के राजा तक्षक नाग को अमरत्व का वरदान दिया। मान्यता है कि, वरदान के बाद से ही तक्षक राजा ने भगवान के सान्निध्य में वास करना शुरू किया। साथ ही उनकी इच्छा थी कि, उनके एकांत में विघ्न ना हो, इसलिए यह प्रथा चलती आ रही है कि, सिर्फ नागपंचमी के दिन ही उनके दर्शन होते हैं। बाकी समय परंपरा के अनुसार मंदिर बंद रहता है।
कुछ ऐसी रहेगी दर्शन व्यवस्था
श्री नागचन्द्रेश्वर भगवान के पट दिनांक 20 अगस्त 2023 को रात्रि 12 बजे खुलकर दिनांक 21 अगस्त 2023 को रात्रि 12 बजे तक खुले रहेंगे।
जिला प्रशासन श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति एवं जिला पुलिस की ओर से इस अवसर पर श्रद्धालुओं के लिये व्यापक व्यवस्थाएं की गई है। नागपंचमी पर्व के उपलक्ष्य पर भगवान श्री नागचन्द्रेश्वर एवं भगवान श्री महाकालेश्वर जी के दर्शन हेतु आगंतुक श्रद्धालुओं को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से उज्जैन शहर में चारो ओर से आने वाले मार्गो के चयनित स्थानों पर अस्थाई रूप से वाहन पार्किंग की व्यवस्था की गई है