अब बदल जाएगा पढ़ाई का फॉर्मूला, 5+3+3+4 पैटर्न का करना होगा पालन
नयी दिल्ली :नेशनल एजुकेशन पॉलिसी प्रैक्टिस में आने के बाद से बच्चों को भी प्रैक्टिकल नॉलेज के जरिए पढ़ाया जाएगा. स्कूलों में क्लासेज में पढ़ाए जाने का तरीका भी बदलेगा.
इसे इस तरह समझिए जैसे कि वर्तमान में 12वीं के बाद ग्रेजुएशन में दाखिला मिलता है. लेकिन तब इस पैटर्न में बदलाव होगा. वह बदलाव क्या होगा, कैसे होगा, इसे ही यहां डिटेल में समझाया गया है.
इस नई एजुकेशन पॉलिसी में 3 से 18 साल तक की पढ़ाई पर खास ध्यान दिया गया है. इसमें प्ले स्कूल या किंडरगार्टन के 3 साल में फॉर्मल एजुकेशन की बात कही गई है. 3 से 18 साल की स्कूलिंग में 4 स्टेज (5+3+3+4) बताए गए हैं. नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क ने इन चार लेवल को एक्सप्लेन किया गया है. जानिए 5+3+3+4 का मतलब क्या है, पूरा एजुकेशन सिस्टम कैसे इस फॉर्मूले पर फंक्शन करेगा.
5 का मतलब क्या?
इस नए फॉर्मूले के मुताबिक फाउंडेशन स्टेज 5 नंबर के मुताबिक इसे दो हिस्सों में बांटा गया है. 5 नंबर का मतलब 3 साल प्री स्कूल के और 2 साल प्राइमरी स्कूल या पहली आंगनवाड़ी के होंगे.
+ 3 में क्या पढ़ाया जाएगा
फाउंडेशन स्टेज के बाद पहले 3 में दो ग्रेड्स 1-2 एक साथ शामिल किए गए हैं. इसमें 3 से 8 साल उम्र तक की पढ़ाई हो जाना शामिल होगी.
अगले 3 में क्या होगा
5+3 के बाद अगले +3 भी क्लास तीसरी से पांचवी तक पढ़ाई को कवर करेगा. इस दौरान स्टूडेंट्स मिडिल स्कूल यानि क्लास 6 से 8 वीं तक की पढ़ाई कवर करेंगे. इसमें सेकंडरी एजुकेशन यानि क्लास 9 से 12 तक के चार साल शामिल नहीं होंगे.
आखिरी 4 में कहां से कहां तक होगी पढ़ाई
5+3+3 के बाद अगले 4 में क्लास 9 से 12 तक की पढ़ाई शामिल होगी. 5+3+3+4 फॉर्मूले के इन आखिरी 4 सालों में स्टूडेंट्स के पास अपनी पसंद के सब्जेक्ट चुनने का ऑप्शन होगा. सब्जेक्ट्स कॉम्बिनेशन चुनने की 8 कैटेगिरी बनाई हैं. इसमें ह्यूमैनिटीज, मैथमेटिक्स-कंप्यूटिंग, वोकेशनल एजुकेशन, फिजिकल एजुकेशन, आर्ट्स एजुकेशन, सोशल साइंस और इंटर डिसीप्लीनरी सब्जेक्ट्स शामिल होंगे.
सेंट्रल गवर्मेंट की नेशनल एजुकेशन पॉलिजी 2020 में स्थापित की गई थी, ये प्रभाव में शैक्षणिक सत्र 2023-24 से छोटे छोटे बदलाव से आना शरू होगी.