Saturday, September 21, 2024

परिवार वालों को करता रहा गुमराह, दो साल बाद खुला महिला दारोगा की हत्या का राज, कंकाल मिला…

परिवार वालों को करता रहा गुमराह, दो साल बाद खुला महिला दारोगा की हत्या का राज, कंकाल मिला…

उत्तरप्रदेश बुलंदशहर : शकीना ने साल 2014 में दिल्ली पुलिस ज्वाइन किया था। PCR में उसकी तैनाती हुई। तब सुरेंद्र सिंह PCR में हवलदार था। बुलंदशहर से दिल्ली आई शकीना अजनबी सुरेंद्र से मुलाकात हुई। यह मुलाकात कयामत बन गई। दोस्ती का इरादा था, पर दोनों में मोहब्बत हो गई। सुरेंद्र सिंह शकीना (बदला हुआ नाम) के घर बुलंदशहर भी आने-जाने लगा। यहां तक परिवार में होने वाले फंसन में भी शामिल होता था। सुरेंद्र शादीशुदा था। उसका एक बच्चा है। परिवार अलीपुर में रहता है। वहीं शकीना प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करती रही। उसका यूपी में सब इंस्पेक्टर पद के लिए चयन हो गया। लेकिन, उसकी तमन्ना कुछ अलग ही करने की थी। शकीना ने साल 2020 में दिल्ली पुलिस में सिपाही के पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं, मुखर्जी नगर में रहकर UPSC की तैयारी करने लगी।

शकीना तरक्की करती जा रही थी, तब सुरेंद्र को लगने लगा था कि वह UPSC पास कर लेगी। सुरेंद्र ने शकीना से शादी का दबाव बनाना शुरू कर दिया, लेकिन शकीना इसके लिए राजी नहीं थी। सुरेंद्र को लगता था कि कहीं शकीना उसके परिवार से यह राज न खोल दे। उसने भयानक इरादा बना लिया। शादी करने की चाहत पूरी न होने पर शकीना की हत्या का ऐसा जाल बुना कि दो साल तक शकीना की हत्या का राज नहीं खुला। सच्चाई यह थी कि 8 सितम्बर 2021 को ही शकीना की गला घोंट कर हत्या कर दी गई और उसकी लाश को बुराड़ी में एक नाले में फेंक उसे पत्थरों से ढंक दिया था। यहां सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सुरेंद्र सिंह शकीना को खोजने का नाटक करता रहा। वह बकायदा मुखर्जी नगर थाने पहुंचकर शकीना को खोज निकालने के लिये पुलिसकर्मियों पर दबाव बनाता रहा। वहीं शकीना के परिवार को गुमराह करने के लिए वह अपने साले रावित से अरविंद बनकर अलग-अलग इलाकों से कॉल भी करवाता था।

शकीना के गायब होने के बाद छलिया अरविंद उसके परिवार को कभी पंजाब, कभी अलीगढ़ तो कभी मेरठ या दूसरे जगहों से फोन करता रहा। अरविंद कॉल पर कहता था कि उसने शकीना से शादी कर ली है, शकीना उसके साथ है, अरविंद को अपने घर वालों से डर है। घर वाले कहीं उसकी व शकीना की हत्या न कर दें, इसलिए वह छिपते फिर रहे हैं। जब कभी परिवार वाले शकीना से बात कराने की इच्छा जताते तो अरविंद टाल देता था। परिवार वापस जब उस नंबर पर कॉल करता तो उसका नंबर बंद आता था। दोबारा फोन आने पर परिजन जब उससे पूछते तो वह बोल देता था कि किसी राहगीर के फोन से बात किया था। इसके बाद शकीना के घरवाले दिल्ली के मुखर्जी नगर थाने में 20 अक्तूबर 2021 को 27 साल की शकीना की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

ऐसे खुला राज

बेटी शकीना का जब कोई सुराग नहीं लगा तो उसकी मां ने मुखर्जी नगर थाने में केस दर्ज करने की गुहार लगाई। 12 अप्रैल 2023 को मुखर्जी नगर थाना पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी। कुछ दिनों बाद शकीना के घरवाले शकीना दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा से मुलाकात कर उन्हें अपना दुखड़ा बताया। करीब दो माह पहले यह केस दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई। सबसे पहले उस नंबर की जांच की गई, जिस नंबर से अरविंद नाम का युवक शकीना के परिवार को कॉल करता था। जांच से खुलासा हुआ कि यह सिम किसी पवन कुमार नाम के फर्जी ID पर निकाला गया था, लेकिन उस पर राजपाल नाम के युवक की फोटो लगी थी। पुलिस ने राजपाल को उठा लिया।

राजपाल शकीना के करीबी हवलदार सुरेंद्र सिंह राणा के साले राविन का दोस्त निकला। पूछताछ में राजपाल टूट गया और उसने पुलिस के सामने सारा राज उगल दिया। पुलिस ने राविन को भी उठा लिया, तब राविन ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने बताया कि उसके जीजा सुरेंद्र ने ही शकीना का खून कर उसकी लाश को ठिकाने लगा दिया है। इसके बाद पुलिस ने हवलदार सुरेंद्र को अपनी कस्टडी में ले लिया। शुरू में सुरेंद्र झूठी कहानी गढ़ता रहा, पर तुरंत टूट गया। सुरेंद्र की निशानदेही पर शकीना का कंकाल बुराड़ी इलाके में नाले से बरामद कर लिया है। कंकाल को फॉरेंसिक विभाग के पास भेज दिया है। अब पुलिस पूर्व सिपाही की पहचान को पुख्ता करने के लिए उसकी मां का DNA सैंपल लेकर उनसे मिलान करने की तैयारी कर रही है।

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