केंद्र ने किया 4 मौजूदा वीरता पदकों का विलय, ‘वीरता के लिए राष्ट्रपति पदक’ दिया नाम
केंद्र सरकार ने तत्काल प्रभाव से चार मौजूदा राष्ट्रपति वीरता पदकों को एक पदक में मर्ज यानी मिला दिया है। जिसको “वीरता के लिए राष्ट्रपति पदक” नाम दिया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पुलिस, अग्निशमन सेवाओं, होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा और सुधारात्मक सेवा कर्मियों को दिए जाने वाले पदकों का विलय किया है।
पदकों की चार श्रेणियां –
राष्ट्रपति का वीरता पदक, वीरता पदक, विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक और सराहनीय सेवा पदक – बनी रहेंगी, लेकिन उपरोक्त सभी समूहों के सम्मान को शामिल करने के लिए उनका दायरा बढ़ा दिया गया है।
यह पदक हर साल गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर घोषित किए जाते हैं, बने रहेंगे लेकिन पुलिस के सम्मान को शामिल करने के लिए प्रत्येक श्रेणी का दायरा बढ़ा दिया गया है।
मंत्रालय ने पदकों को देने और रद्द करने के लिए दिशानिर्देशों की भी रूपरेखा तैयार की है, जिसमें जब्त करने का आधार भी शामिल है। राष्ट्रपति का वीरता पदक साहस और कौशल के असाधारण कार्यों को मान्यता देता है, जबकि वीरता पदक जीवन और संपत्ति को बचाने या अपराध को रोकने में योग्यता के कार्यों को मान्यता देता है।
सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासकों को भेजे गए एमएचए संचार के अनुसार राष्ट्रपति के वीरता पदक को अब “वीरता के लिए राष्ट्रपति पदक” कहा जाएगा। विलय किए गए “वीरता पदक” को अब से ‘वीरता पदक’, ‘राष्ट्रपति के विशिष्ट सेवा पदक’ को ‘विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक’ और ‘सराहनीय सेवा पदक’ को ‘मेधावी सेवा पदक’ के रूप में जाना जाएगा।
गृह मंत्रालय ने चार पदकों की संस्था को भी अधिसूचित किया और पदक प्रदान करने के लिए दिशानिर्देश और प्रक्रिया जारी की। राष्ट्रपति पदक को रद्द करने और रद्द करने तथा प्राप्तकर्ता का नाम रजिस्टर से मिटाने के लिए सक्षम होंगे।