इजराइल-हमास जंग में एक और आतंकी संगठन की एंट्री, हूती विद्रोही के हमले को अमेरिकी युद्धपोत ने किया नाकाम
इजराइल और हमास के बीच पिछले 14 दिनों से जंग जारी है। दोनों पक्षों के बीच चल रही इस जंग में हिज्बुल्ला के साथ हूती भी उतर चुके हैं। हिज्बुल्ला और हूती हमास के समर्थन में इजरायल पर हमले कर रहे हैं। हालांकि इसमें उसे सफलता हासिल नहीं हो पाई है।
दो अमेरिकी अधिकारियों ने सीएनएन को बताया कि मिडिल ईस्ट में सक्रिय एक अमेरिकी नौसेना के युद्धपोत यमन के तट के पास के हमले को नाकाम कर दे रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी युद्धपोत ने यमन के हूती विद्रोहियों की क्रूज मिसाइलों और ड्रोनों को सेकेंडों में मार गिराया है।
पेंटागन के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल पैट्रिक राइडर के अनुसार, USS कार्नी उत्तरी लाल सागर में काम कर रहा है। उसने हूती विद्रोहियों द्वारा लॉन्च किए गए तीन लैंड अटैक क्रूज मिसाइलों और कई ड्रोन को मार दिया है। इन घातक मिसाइलों और ड्रोन को हवा में ही मार गिराया गया।
कौन हैं हूती?
हूतियों का उदय 1980 के दशक में यमन में हुआ। यह यमन के उत्तरी क्षेत्र में शिया मुस्लिमों का सबसे बड़ा आदिवासी संगठन है। हूती उत्तरी यमन में सुन्नी इस्लाम की सलाफी विचारधारा के विस्तार के विरोध में हैं।
ईरान पर हूतियों की मदद के आरोप लगते रहे हैं। बताया जाता है कि हूती विद्रोहियों को सीधे तौर पर ईरान का समर्थन हासिल है। दरअसल, ईरान शिया बहुल देश है और हूती मुस्लिम भी इसी समुदाय से आते हैं।