हजारीबाग में 361 मोबाइल टावर के विभिन्न कंपनियों के विरुद्ध श्रम कार्यालय हजारीबाग के द्वारा 1 करोड़ 26 लाख 35 हजार रूपये की वसूली हेतु कारवाई
हजारीबाग जिला अन्तर्गत मोबाइल टावर कंपनियां Tower Vision India Pvt, Ltd., Reliance Jio Infratel Pvt. Ltd., ATC Telecom Infrastructure Pvt. Ltd., Sumit Digitel Infrastructure Limited., Reliance Jio Infocomm Limited, Bharti Infratel Limited एवं Indus Tower Limited के द्वारा हजारीबाग जिला में कुल 361 टावरों का निर्माण कराया गया है। जिसकी किसी भी तरह की सूचना हजारीबाग के श्रम विभाग को नहीं दी गई है। श्रम विभाग के द्वारा जब इसकी जांच पड़ताल की गयी तो पाया गया कि निर्माण लागत का कुल 1% राशि भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण उपकर अधिनियम 1996 के अन्तर्गत विभाग/बोर्ड के खाते में जमा किया जाना था, जो उनके द्वारा जमा नहीं की गयी है और न ही इसकी सूचना स्थानीय श्रम कार्यालय को दी गयी थी। इस पर जिले मे कार्यरत प्रभारी सहायक श्रमायुक्त (कृषि श्रमिक), हजारीबाग के द्वारा सभी कम्पनियों को नोटिस निर्गत किया गया। किन्तु किसी भी कम्पनी के द्वारा उपकर राशि बोर्ड के खाता में जमा करने की सूचना नहीं दी गयी। जिसके कारण सभी कम्पनियों पर निर्माण लागत का 1% राशि बोर्ड के खाते में जमा करने का आदेश कार्यालय द्वारा पारित किया गया। श्री अनिल कुमार रंजन, प्रभारी सहायक श्रमायुक्त(कृषि श्रमिक), हजारीबाग द्वारा बताया गया की Tower Vision India Pvt, Ltd. के विरूद्ध 02 लाख 10 हजार रूपये, Reliance Jio Infratel Pvt. Ltd के विरूद्ध 14 लाख 35 हजार रूपये, ATC Telecom Infrastructure Pvt. Ltd के विरूद्ध 15 लाख 75 हजार रूपये, Sumit Digitel Infrastructure Limited. के विरूद्ध 10 लाख 85 हजार रूपये, Reliance Jio Infocomm Limited के विरूद्ध 40 लाख 25 हजार रूपये, Bharti Infratel Limited के विरूद्ध 25 लाख 20 हजार रुपये एवं Indus Tower Limited के विरूद्ध 17 लाख 85 हजार रूपये, कुल 01 करोड़ 26 लाख 35 हजार रूपये की राशि झारखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कल्याण निधि के बैंक खाता मे जमा करने के लिए आदेश पारित की गयी है, उक्त राशि यदि संबंधितों द्वारा 30 दिनों के अंदर जमा नहीं की जाती है, तो उनके विरुद्ध जिला नीलम पत्र पदाधिकारी, हजारीबाग के न्यायालय मे राशि वसूली हेतु निलाम पत्र वाद दायर कर दी जाएगी। जिला के प्रभारी सहायक श्रमायुक्त(कृषि श्रमिक) अनिल कुमार रंजन ने बताया कि किसी भी निर्माण कार्य के लिए निर्माण लागत का 1% सेस (उपकर) की राशि बोर्ड के खाते में जमा कर इसकी सूचना श्रम विभाग/कार्यालय को दिया जाना आवश्यक है। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो संबंधित नियोजक के विरुद्ध 2% ब्याज सहित राशि की वसूली करने की कार्रवाई की जा सकती है।