JSSC CGL परीक्षा रद्द होने के बाद झारखंड के छात्रों का फूटा गुस्सा, किया आयोग का घेराव
= आज 15 दिसम्बर को जेएसएससी व झारखंड सरकार से आक्रोशित हजारों छात्रों ने जेएसएससी कार्यालय का घेराव किया और आयोग व सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की। इस छात्र महाआंदोलन का सबसे बड़ी विशेषता है कि यह विशुद्ध रूप से छात्रों का आन्दोलन है। इसमें नेता या छात्र नेता की कोई भूमिका नहीं है। आन्दोलन 1942 की *भारत छोड़ो आन्दोलन* के तर्ज पर छात्रों का स्वत:स्फूर्त आन्दोलन है। इसमें *अंग्रजों भारत छोड़ो* की तरह ही *हेमंत कुर्सी छोड़ो* के नारा दिया गया। बताते चलें हेमंत सोरेन ने 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड के युवाओं को दो वर्ष के अंदर पांच लाख नौकरी देने की वादा किया था। समय-समय पर युवाओं द्वारा नौकरी की मांग उठने लगी दबाव को देखते हुए हेमंत सरकार ने आनन-फानन में 2021 को नियुक्ति वर्ष घोषित कर दिया। जो पुरी तरह असफल रहा। छात्रों द्वारा जब भी नियुक्ति की मांग की गई सरकार एक महीने में 20 हजार, दो महीने में 30 हजार नियुक्ति करती रही और आश्वासन पर आश्वासन देकर चार वर्ष गुजार दी। बहुत से छात्र नेता इन मुद्दों को भंजा कर नेता बन गये। लेकिन छात्रों की मुद्दे जस के तस है उसकी भविष्य अंधकारमय होती चली गई। जेपीएससी व जेएसएससी पुरी तरह निष्क्रिय हो चुकी है। समय पर कोई परीक्षा नहीं ले रही है। कोई परीक्षा होती भी है तो विवादित हो जाती है और अंत में रद्द कर दी जाती है। परीक्षा के इंतजार में लाखों छात्र की उम्र खत्म हो रही है या हो गई है। पिछले दिनों जेएसएससी सीजीएल जो वास्तव में 2016 की वैकेंसी है कई बार रद्द हो चुकी है कि परीक्षा होने वाली थी। परीक्षा से कुछ दिन पहले आयोग ने परीक्षा लेने में असमर्थता जताई और परीक्षा स्थगित कर दिया जिससे आक्रोशित हजारों छात्रों ने 15 दिसंबर को कार्यालय घेराव की रणनीति बनाई और कंपकंपाती ठंड में आयोग के कार्यालय की घेराबंदी की सभी परीक्षा सीघ्र व पारदर्शी तरीके से करने की मांग की। साथ ही साथ सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की। आंनदोलन में मुख्य रूप से राजेश ओझा , विशाल पाल,प्रकाश पोद्दार,काजल मंडल,कुणाल प्रताप,सत्यनारायण शुक्ला,विनय मेहता,अरुण अग्रवाल,भारती खुशवाहा,अनुज शंकर,इमाम सफी,अनिल मिश्र,संजय तिवारी,पवन झा,स्मृति ऐश्वर्या, राजा दास,रामशरण,जैसे छात्र एवं शिक्षक ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। धन्यवाद।