11 दोषियों की रिहाई Fraud Act’, बिलकिस केस में गुजरात सरकार को फटकार, जानिए SC ने क्या-क्या कहा
बिलकिस बानो केस में आज गुजरात सरकार को बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने बिलकिस के दोषियों को सजा में छूट देने पर साफ कहा कि राज्य के पास यह अधिकार ही नहीं था. बिलकिस के दोषियों की रिहाई पर कई सामाजिक कार्यकर्ता और नेता कोर्ट पहुंच गए थे.
बिलकिस बानो के गुनहगारों ने गुहार लगाई कि सुप्रीम कोर्ट उन्हें सुधरने का मौका दे. दलील दी कि वे 14 साल से ज्यादा समय जेल में काट चुके हैं, अब परिवार के साथ रहने का मौका दिया जाए. दरअसल, गुजरात सरकार ने जब इन 11 दोषियों को सजा में छूट देते हुए जेल से रिहा किया तो काफी विवाद हो गया. बिलकिस की याचिका फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गईं. आज दोषियों की रिहाई का फैसला पलटते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को भी सुनाया। कोर्ट ने साफ कहा कि गुजरात सरकार यह आदेश पारित करने के लिए सक्षम ही नहीं थी. जी हां, SC ने आज कहा कि गुजरात सरकार को बिलकिस बानो केस में दोषियों की क्षमा याचिका पर फैसला लेने का अधिकार ही नहीं था क्योंकि उन्हें महाराष्ट्र की अदालत ने दोषी ठहराया था.
गुजरात सरकार को फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि बिलकिस बानो से रेप और उसके परिवार की हत्या के मामले की गंभीरता पर विचार किए बगैर दोषियों की सजा माफ कर दी गई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गुजरात सरकार ने दोषियों की सजा माफी की याचिका पर फैसला कर महाराष्ट्र सरकार के अधिकार छीन लिए. कोर्ट ने साफ कहा कि जिस राज्य में किसी के खिलाफ मुकदमा चलता है और सजा सुनाई जाती है, वही दोषियों की माफी याचिका पर भी फैसला ले सकता है. साथ ही SC ने अपनी एक अन्य पीठ के 13 मई 2022 के आदेश को भी ‘अमान्य’ ठहराया, जिसमें गुजरात सरकार से दोषियों की सजा माफी की याचिका पर विचार करने को कहा गया था.
गर्भवती बिलकिस से हुआ था गैंगरेप
2002 गुजरात दंगे के इस मामले ने पूरे देश को झकझोर दिया था. यह लगातार चर्चा में रहा और जब 15 अगस्त 2022 को इन्हें रिहा किया गया तो मामला फिर गरमा गया. इन्हें माला पहनाने और स्वागत करने की तस्वीरें आईं तो लोगों में नाराजगी देखी गई. कई विपक्षी नेताओं ने इस फैसला का विरोध किया था. दरअसल, बिलकिस बानो के साथ कई लोगों ने बलात्कार किया था, उस समय वह 5 महीने की गर्भवती थीं. उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या भी कर दी गई थी.
दो हफ्ते में जेल पहुंचे सभी दोषी
11 दोषियों की रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट में कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और नेताओं ने याचिकाएं दाखिल की थीं. आज जस्टिस बी वी नागरत्न और जस्टिस उज्ज्वल भूइयां की पीठ ने दोषियों को दी गई सजा में छूट को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं को सुनवाई योग्य माना. इसके साथ ही कोर्ट ने बिलकिस बानो से रेप और उनके परिवार की हत्या में शामिल 11 दोषियों को सजा में छूट देने के गुजरात सरकार के फैसले को रद्द कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि सभी 11 दोषी दो हफ्ते के भीतर जेल प्रशासन को रिपोर्ट करें. यह फैसला देते हुए कोर्ट ने एक बड़ी बात कही. SC ने कहा कि यह इस अदालत की ड्यूटी है कि वह मनमाने आदेशों को जल्द से जल्द सही करे और जनता के भरोसे को बरकरार रखे.