एनटीपीसी द्वारा फर्जी ग्राम सभा कर एनओसी लेने के मामले पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई
हाईकोर्ट ने तीन सप्ताह में केंद्र सरकार,राज्य सरकार और एनटीपीसी से मांगा जवाब
*जस्टिस सुजीत नारायण और अरुण राय की बेंच में हुई सुनवाई*
हज़ारीबाग़ – भारत सरकार की महारत्न कंपनी एनटीपीसी द्वारा पंकरी बरवाडीह कोल परियोजना के लिए फॉरेस्ट क्लियरेंस लेने के लिए फर्जी ग्राम सभा करने कर ग्राम वन प्रबंधन एवं संरक्षण समिति का फर्जी हस्ताक्षर किए जाने के मामले में गुरुवार को झारखंड हाइकोर्ड में सुनवाई हुई। प्रार्थी मंटू सोनी की जनहित याचिका पर अधिवक्ता नवीन कुमार सिंह ने जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और अरुण राय की अदालत में मामले पर बहस किया। बहस सुनने के बाद कोर्ट ने तीन सप्ताह के अंदर केंद्र सरकार, राज्य सरकार और एनटीपीसी को जवाब देने का निर्देश दिया है।
*ग्राम वन प्रबंधन समिति का फर्जी हस्ताक्षर का किया गया इस्तेमाल,जांच में हुई पुष्टि*
मामला पकरी बरवाडीह कोल परियोजना की जमीन के हस्तांतरण का है,जिसमें विलेज फॉरेस्ट कमेटी के सभी सदस्यों की लिखावट एक जैसी है । 1,128 एकड़ जमीन पर माइनिंग के लिए ग्राम वन प्रबंधन एवं संरक्षण समिति से सहमति ली गयी है । संरक्षण समिति से सहमति ली गयी है. समिति द्वारा तैयार सहमति पत्र पर अधिकतम पांच से छह सदस्यों के हस्ताक्षर है. सभी सदस्यों के हस्ताक्षर एक दूसरे से मिलते-जुलते हैं. किसी भी सहमति पत्र में इस बात की उल्लेख नहीं किया गया है कि यह किस गांव के वन प्रबंध एवं संरक्षण समिति की बैठक है,जबकि नियमानुसार सहमति पत्र में इस बात का उल्लेख करना आवश्यक है कि समिति किस गांव की है. सहमति पत्र में यह लिखा गया है कि पकरी बरवाडीह कोल प्रोजेक्ट कोयले के खनन करन चाहता है. जिसमें गांव वालों को पूर्ण सहमति है ।
*जांच में हुई पुष्टि,वन विभाग ने नही किया कार्रवाई*
हजारीबाग जिले के पश्चिमी वन प्रमंडल के अधीन बनी वन संरक्षण प्रबंध समिति के सभी सदस्यों की लिखावट करीब-करीब एक ही जैसी है. जिसको लेकर प्रार्थी मंटू सोनी ने वन विभाग से शिकायत किया था। जांच में ग्रामीणों के फर्जी हस्ताक्षर की पुष्टि हुई थी। उसके बाद भी वन विभाग ने कोई कार्रवाई नही किया है। पकरी बरवाडीह कोल परियोजना से कोयला खनन मामले में समिति द्वारा जारी सहमति से इस बात की जानकारी मिलती है.सरकार ने पकरी बरवाडीह कोल परियोजना के लिए कुल 1,2,011 एकड़ जमीन हस्तांतरित की गयी है. इसमें से 1,128 एकड़ जमीन जंगल झाड़ के रूप में दर्ज है. खतियान में जंगल झाड़ के रूप में दर्ज यह जमीन परकी बरवाडीह, चट्टी बरियातू और केरेडारी क्षेत्र में है. इस जमीन पर माइनिंग के लिए ग्राम वन प्रबंधन एवं समिति द्वारा तैयार सहमति पत्र पर पाच से छह सदस्यों के हस्ताक्षर है. सभी सदस्यों के हस्ताक्षर एक दूसरे से मिलते-जुलते हैं.मांग करती है कि इसमें वन का जो नुकसान होगा, उसे एनटीपीसी अलग से क्षतिपूरक वन लगा कर पूरा करेगा.चंद्रिका प्रसाद की अध्यक्षता में हुई वन प्रबंध समिति की बैठक में तैयार सहमति पत्र पर सदस्य के रूप में ललन साव,वकील राणा, बोधन साव, सरस्वती देवी और के हस्ताक्षर है,जो करीब-करीब एक दूसरे से मिलते जुलते हैं.