पानी के नीचे चलने वाली भारत की एकमात्र ट्रेन, जिसमें बैठते ही खड़े हो जाते हैं रौंगटे; दूर-दूर से देखने पहुंचते हैं लोग
भारत अब तेजी से बदल रहा है. भारतीय रेलवे भी बदलाव के इस दौर में पीछे नहीं है. वह ऐसे- ऐसे कारनामे कर रही है कि आप हैरान रह जाएंगे. आज हम आपको पानी के अंदर चलने वाली भारत की पहली ट्रेन के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें सफर करना अपने आप में खास अहसास होता है.
भारत की पहली अंडरवॉटर ट्रेन
लंबी दूरी पर चलने वाली सामान्य ट्रेन नहीं बल्कि कोलकाता में चलने वाली मेट्रो ट्रेन है. इसकी शुरुआत इसी साल हुई है. यह ट्रेन कोलकाता के ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर पर हावड़ा मैदान स्टेशन से चलती है.
पीएम मोदी ने इस साल किया उदघाटन
देश की इस पहली अंडर वाटर ट्रेन सर्विस का उद्घाटन पीएम मोदी ने इसी साल 15 मार्च को किया था. पानी के नीचे दौड़ने वाली इस ट्रेन के शुरू होने के साथ ही भारत ने तकनीक के मामले में एक और मील का पत्थर छू लिया था.
हुगली नदी के नीचे से निकलती है ट्रेन
यह अंडर- वाटर ट्रेन सेवा कोलकाता को दो हिस्सों में बांटने वाली हुगली नदी के नीचे से निकाली गई है. इसके लिए नदी के नीचे करीब 30 मीटर गहराई में सुरंग तैयार की गई. फिर उसके बाद ट्रैक डालकर उसे ट्रेन चलने लायक बनाया गया.
गुजरने में लगते हैं महज 45 सेकंड
यह ट्रेन जैसे ही हुगली नदी के नीचे पहुंचती है तो सुरंग के चारों ओर से बह रहे पानी का प्रभाव साफ झलकने लगता है. नदी के नीचे यह ट्रेन 520 मीटर लंबी सुरंग को पार करती है, जिसे क्रॉस करने में लगभग 45 सेकंड का समय लगता है.
15 साल में बनकर तैयार हुआ प्रोजेक्ट
कोलकाता में इस अंडर- वाटर ट्रेन को चलाने के लिए बने ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर पर वर्ष 2009 में काम शुरू हुआ था. इसके बाद वर्ष 2017 में हुगली नदी के नीचे सुरंग बनाने का काम आरंभ हुआ और अंत में इस साल ट्रेन सेवा चालू हो गई.