पानी से पाकिस्तान पर प्रहार, भारत की नई रणनीति से हड़कंप
दूसरे चैनल को भी भारत ने किया बंद, सिंधु जल समझौते की शर्तों का हवाला देकर दिखाई सख्ती
नई दिल्ली भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अब जल कूटनीति का रास्ता अख़्तियार करते हुए सिंधु नदी के जल प्रवाह को लेकर दूसरा बड़ा कदम उठा लिया है। भारत ने सिंधु नदी के दूसरे चैनल को भी पूरी तरह से बंद कर दिया है और इसका वीडियो भी सार्वजनिक किया गया है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब पाकिस्तान के जल संसाधन और कृषि दोनों पहले से ही संकट में हैं। भारत के इस निर्णय ने पड़ोसी देश में हड़कंप मचा दिया है।
विशेषज्ञों की चेतावनी: पाकिस्तान की 30% भूमि हो सकती है बंजर
पाकिस्तानी विशेषज्ञों की मानें तो अगर भारत सिंधु नदी का सिर्फ 10% पानी भी रोक दे तो पाकिस्तान की लगभग 30% भूमि बंजर हो सकती है। यदि भारत 20% जल प्रवाह रोक दे, तो लाहौर, मुल्तान जैसे बड़े शहरों में पीने के पानी की गंभीर किल्लत पैदा हो जाएगी। और अगर भारत आधा पानी रोक दे, तो पाकिस्तान में खेती पूरी तरह समाप्त हो सकती है और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा।
बिना मिसाइल छोड़े बड़ी रणनीतिक जीत?
रक्षा और कूटनीति के जानकारों का कहना है कि यह कदम “बिना हथियार उठाए पाकिस्तान को झटका देने” जैसा है। भारत की यह जल-रणनीति अब सीधे पाकिस्तान की आंतरिक स्थिरता और खाद्य सुरक्षा पर असर डाल सकती है।
भारत ने सिंधु जल समझौते की मूल भावना का दिया हवाला
1960 के सिंधु जल समझौते की प्रस्तावना में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि यह समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखने के लिए किया गया है। भारत ने अब विश्व बैंक को औपचारिक रूप से सूचित कर दिया है कि जब पाकिस्तान लगातार सौहार्द बिगाड़ रहा है, तो भारत को इस समझौते को निलंबित या रद्द करने का अधिकार है।
भविष्य की योजना: सिंधु को सतलज से जोड़ने की तैयारी
सरकार के सूत्रों के अनुसार भविष्य में भारत सिंधु नदी को सतलज नदी से जोड़ने की योजना पर काम कर रहा है। यदि सतलज को श्रीगंगानगर होते हुए महीसागर नदी से जोड़ दिया जाए, तो पंजाब, राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात के बड़े हिस्सों में जल आपूर्ति का एक नया और स्थायी मार्ग तैयार किया जा सकता है।
निष्कर्ष:
भारत की इस सख्त जल नीति ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि पाकिस्तान ने सीमा पार उकसावे और आतंक को नहीं रोका, तो अब उसका सामना बंदूक से नहीं, बल्कि पानी की धार से किया जाएगा — और यह प्रहार कहीं ज्यादा गहरा, स्थायी और व्यापक हो सकता है।