मंदिर में पूजा करने वाले मुस्लिम सांसद सरफराज अहमद की हर तरफ तारीफ
“जब बुलाने वालों को ऐतराज नहीं, तो जाने वालों को क्यों होगा?” – सरफराज अहमद
भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर सफल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का पक्ष मजबूती से रखने के लिए सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल विदेश भेजा गया है। कांग्रेस नेता शशि थरूर के नेतृत्व में यह दल अमेरिका, ब्राजील, कोलंबिया, पनामा और गुयाना के दौरे पर है। इस प्रतिनिधिमंडल में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के राज्यसभा सांसद सरफराज अहमद भी शामिल हैं।
पनामा यात्रा के दौरान सांसदों के इस दल ने एक स्थानीय मंदिर में दर्शन किए, जिसमें सरफराज अहमद भी सम्मिलित हुए। मंदिर में पूजा करते हुए उनके फोटो और वीडियो वायरल हो गए हैं और सोशल मीडिया पर उनकी जमकर तारीफ हो रही है। शशि थरूर ने भी इसे “भारतीयता का सुंदर प्रतीक” बताया।
कौन हैं सरफराज अहमद?
• वर्तमान राज्यसभा सांसद, झारखंड मुक्ति मोर्चा
• पूर्व विधायक, गांडेय विधानसभा (1980, 2009, 2019)
• पूर्व लोकसभा सांसद, गिरिडीह (1984, कांग्रेस)
• पूर्व विधान परिषद सदस्य, बिहार
• राजनीति की शुरुआत कांग्रेस से, बाद में जेएमएम में शामिल
• चारों सदनों – विधानसभा, विधान परिषद, लोकसभा, राज्यसभा – में प्रतिनिधित्व करने वाले चुनिंदा नेताओं में शामिल
सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल
सरफराज अहमद का यह कदम भारतीय संस्कृति की उस आत्मा को दर्शाता है, जहां विविधता को स्वीकार कर एकता को अपनाया जाता है। उनका बयान — “जब बुलाने वालों को ऐतराज नहीं, तो जाने वालों को क्यों होगा?” — धार्मिक सहिष्णुता की भावना को मजबूत करता है।