चंद्रयान-3: ISRO ने खोला राज- चांद पर कितनी दूरी तय कर चुका है प्रज्ञान रोवर, बड़े संकट से बाल-बाल बचा
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रयान-3 का प्रज्ञान रोवन जो चांद के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर टहल रहा है। उसके बारे में शनिवार को इसरो मिशन अपडेट साझा किया है। जिसमें इसरो ने बताया कि अब तब चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर ने चांद की सतह पर कितनी दूरी पूरी की है। इसके साथ ही खुलासा किया कि प्रज्ञाान रोवर के सामने क्या बड़ा खतरा सामने आ गया था।
अब तक कितनी दूरी तय कर चुका है चंद्रयान-3 का रोवर
इसरो ने शनिवार को बताया कि चंद्रयान का प्रज्ञान रोवर चंद्रमा की सतह पर अब तक 100 मीटर से अधिक की दूरी तय कर चुका हैं और साउथ पोल पर अपनी यात्रा जारी रखे हुए हैं।
चांद पर नौ दिन पूरे कर चुका है चंद्रयान-3
2 सितंबर को चांद पर उसका नवां दिन है। इसरो ने मिशन अपडेट में बताया कि विक्रम लैंडर से निकलने के बाद प्रज्ञान रोवर दक्षिण की ओर चला इसके बाद रोवर दक्षिण-पूर्व की ओर गया जिसके बाद उसे चार मीटर व्यास का एक विशाल चंद्र गड्ढ़ा मिला था।
प्रज्ञान रोवर के सामने आया था ये बड़ा संकट
इसरो ने कहा सौभाग्य था कि कमांड और इन्स्ट्रक्शन के बाद प्रज्ञान एक सुरक्षित क्षेत्र में जाने के लिए मुड़ गया और सुरक्षित स्थान पर पहुंच गया। अपने पथ पर वापस लौटने के बाद प्रज्ञान पश्चिम की ओर और उसके बाद उत्तर की ओर बढ़ने लगा।
चंद्रया-3 मिशन के पास बचे हैं महज चार दिन
चंद्रयान-3 को चंद्रमा पर करीब नौ पूरे हो चुके हैं। चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर दोनों के मिशन की अवधि महज 14 दिन हैं, यानी मिशन के अब महज पांच दिन शेष बचे हैं।
प्रज्ञान रोवर ने चांद पर अब तक की है ये खोज
बता दें अब तक चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर ने कई खुलासे किए हैं। रोवर के पेलोट ने चंद्रमा सल्फर होने की पुष्टि की है। इसके अलावा ऑक्सीजन होने की पुष्टि की हे। इसके अलाव चांद के साउथ पोल पर अन्य महत्वपूर्व खनिज होने की रोवर पुष्टि कर चुका है।
चांद के तापमान को लेकर किया है ये खुलासा
इसके अलावा चंद्रमा विक्रम लैंडर में लगे खास थर्मामीटर ने खुलासा कि चांद की सतह और उसके अंदर के तापमान में बहुत बड़ा अंतर है। इसके अलावा दक्षिणी ध्रुव की पहली तापमान-गहराई प्रोफ़ाइल बनाने, यह पता लगाने कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र के ऊपर प्लाज्मा वातावरण विरल है, और संभावित चंद्र भूकंप का पता लगाने जैसे मील के पत्थर हासिल किए हैं।
14 दिन बाद क्या होगा प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर का
चंद्रयान-3 की मिशन लाइफ खत्म होने के बाद विक्रम और प्रज्ञान को सेवामुक्त कर दिया जाएगा और वे चंद्रमा पर ही रहेंगे। हालांकि उनके मिशन अवधि से अधिक समय तक काम करने की संभावना है।