हजारीबाग: झारखंड के चौपारण प्रखंड के भगहर भंडार में पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम ने अवैध महुआ शराब के गोरखधंधे का पर्दाफाश कर एक बड़ी सफलता हासिल की है।ज़मीन के निचे ड्रम में डालकर छिपाये गए शराब को जब बहाया गया तो ऐसा लगा जैसे नदी बह रही हो, इससे पहले चौपारण पुलिस ने अवैध अफीम की खेती को नष्ट नशा के कारोबारियों की कमर तोड़ दी और अब अवैध शराब निर्माण को ध्वस्त कर होली में बिहार भेजने की माफियाओं की साजिश को नाकाम कर दिया
जेसीबी से निकाले गए शराब से भरे ड्रम
छापेमारी में नीले प्लास्टिक के बड़े-बड़े ड्रम बरामद हुए, जो जमीन में गाड़े गए थे। एक ड्रम में 230 लीटर महुआ शराब थी और ऐसे सैकड़ों ड्रम मिले। पुलिस को शक है कि होली के मौके पर बड़ी मात्रा में यह शराब बिहार भेजी जानी थी, जिससे वहां की शराबबंदी को पूरी तरह बेअसर किया जा सके। लेकिन चौपारण पुलिस ने समय रहते इस साजिश को विफल कर दिया।
बिहार में सप्लाई की थी पूरी तैयारी
पुलिस जांच में यह सामने आया है कि यह शराब बिहार के विभिन्न जिलों में तस्करी के लिए तैयार थी। होली के दौरान इसकी कालाबाजारी कर माफिया मोटी कमाई करना चाहते थे, लेकिन चौपारण पुलिस और वन विभाग की टीम ने इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया।
पुलिस-वन विभाग की संयुक्त कार्रवाई
इस बड़ी कार्रवाई में इंस्पेक्टर चंद्रशेखर प्रसाद, थाना प्रभारी अनुपम प्रकाश और वनपाल पंकज कुमार के नेतृत्व में छापेमारी और नष्टीकरण अभियान चलाया गया। मौके से शराब बनाने के उपकरण भी जब्त किए गए हैं। पुलिस इस पूरे नेटवर्क की जांच कर रही है और जल्द ही इस गोरखधंधे से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है।