बंद लिफाफे ने हेमंत सरकार को किया हिट, विपक्ष की रणनीति गयी पिट
झारखण्ड में राजनैतिक उथल-पुथल के बीच हेमंत ने की जबरजस्त बैटिंग
झारखण्ड सरकार अपने मुखिया हेमंत सोरेन पर हमलावर विपक्ष और फिर कोर्ट की फैसले ने जहां सरकार को बैक फुट पर ला खड़ा किया था। वहीं हेमंत सोरेन ने तमाम विषम परिस्थितियों के बावजूद अपनी कुशल रणनीति व सफल राजनीतिज्ञ का परिचय देते हुवे विपक्ष को फिलहाल चारो खाने चित कर दिया है। एक समय जो विपक्ष अपनी गजब का क्षेत्ररक्षण में सरकार को उलझा कर रख दिया था। वहीं अब हेमंत के चौक-छक्के के बरसात के बाद विपक्ष खुद अपने बनाये रणनीति में उलझता जा रहा है। और सभी के पीछे वह बंद लिफाफा ही है जो पिछले कई सप्ताह से खुलने के इंतजार में है, पर सच्चाई यह है कि वह लिफाफा खुले या न खुले पर फिलहाल हेमंत की किस्मत जरूर खुल गयी है। हालिया दृष्टिकोण कोन से देखें तो जिस तरह से सरकार ने एक के बाद एक जटिल मुद्दों को जो कई वर्ष से लटके पड़े थे को एक ही झटके में सुलझा कर सभी को चित कर दिया। कहा जा सकता है कि राज्य में बरसात तो कम हुई पर लोगों 1932 का खतियान व ओबीसी आरक्षण जैसे मुद्दों को समाप्त कर लोगों को नई राजनीति की खेती करने पर मजबूर जरूर कर दिया। हालांकि हेमंत ने बस और नाव की सवारी कर सत्तादल के विधायकों घुमाने के साथ-साथ विपक्ष को भी घूमने पर मजबूर कर दिया और माननीय राज्यपाल बंद लिफाफा लेकर दिल्ली आते-जाते जरूर रह गए पर राजनैतिक बढ़त हेमंत जरूर बना चुके हैं। जो विपक्ष राष्ट्रपति चुनाव से ही सरकार को घेरने व नुकसान पहुंचाने के पैटरें आजमाता रह गया व आज सोचने पर मजबूर जरूर होगा कि इसमें कुछ घोषणा हमने पहले क्यों नही किया!