Saturday, September 21, 2024

जैन अनुयायियों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार के अधिसूचना पर समुचित निर्णय लेने का किया आग्रह

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री को लिखा पत्र

जैन अनुयायियों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार के अधिसूचना पर समुचित निर्णय लेने का किया आग्रह

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने केंद्रीय मंत्री पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग भूपेंद्र यादव को पत्र लिख जैन अनुयायियों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के अधिसूचना संख्या का०आ० 2795 (अ) दिनांक 02.08.2019 के संदर्भ में समुचित निर्णय लेने का आग्रह किया है।

पारसनाथ जैन समुदाय का पवित्र एवं पूजनीय तीर्थ स्थल

मुख्यमंत्री ने पत्र के माध्यम से कहा है कि पारसनाथ सम्मेद शिखर पौराणिक काल से जैन समुदाय का विश्व प्रसिद्ध पवित्र एवं पूजनीय तीर्थ स्थल है। मान्यता के अनुसार इस स्थान पर जैन धर्म के कुल 24 तीर्थकरों में से 20 तीर्थकरों द्वारा निर्वाण प्राप्त किया गया है। इस स्थल के जैन धार्मिक महत्व के कारण भारत एवं विश्व के कोने-कोने से जैन धर्मावलंबी इस स्थान का तीर्थ करने आते हैं। अतएव झारखण्ड पर्यटन नीति 2021 में पारसनाथ को तीर्थ स्थल मानते हुए इस स्थल को धार्मिक तीर्थ क्षेत्र के रूप में विकसित करने का उल्लेख है। पूर्व में भी इस स्थल की पवित्रता अक्षुण्ण रखने हेतु राज्य सरकार द्वारा प्रतिबद्धता जारी किया गया है।

क्षेत्र के विकास और सुचिता पर सरकार का ध्यान

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस स्थल के समुचित विकास एवं इस क्षेत्र में व्यावसायिक क्रियाकलापों के विनियमन हेतु राज्य सरकार द्वारा सचिव, पर्यटन की अध्यक्षता में पारसनाथ पर्यटन विकास प्राधिकार गठित है, जिसमें 6 गैर सरकारी निदेशकों को भी सदस्य बनाया जाना है। उक्त प्राधिकार में गैर सरकारी निदेशकों के चयन की कार्रवाई चल रही है। वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा उक्त स्थल की पवित्रता व सुचिता को बनाये रखने हेतु गिरिडीह जिला के जिलाधिकारी एवं आरक्षी अधीक्षक को आवश्यक निर्देश जारी किया गया है तथा जारी किये गये निर्देश के आलोक में इस स्थल पर पुलिस गश्ती बढ़ाते हुए इस स्थल की पवित्रता व सुचिता को बनाये रखना सुनिश्चित किया गया है।

केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना पर हो विचार

मुख्यमंत्री ने आग्रह पूर्वक कहा है कि वर्तमान में कई जैन अनुयायियों द्वारा इस स्थल की पवित्रता व सुचिता बनाये रखने एवं पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के अधिसूचना संख्या का०आ० 2795 (अ) दिनांक 02.08.2019 को निरस्त करने हेतु आवेदन प्राप्त हुए हैं। इस अधिसूचना के कंडिका 2.3 (VI) व कंडिका 3 3 ) में पर्यटन सहित पारिस्थितिक पर्यटन का उल्लेख है, जिसपर जैन समुदाय को आपत्ति होने का उल्लेख प्राप्त आवेदनों में दर्ज है। राज्य सरकार जैन धर्मावलंबियों की भावनाओं का संपूर्ण सम्मान करती है एवं उक्त स्थल की पवित्रता अक्षुण्ण रखने के लिए सदैव प्रतिबद्ध है। अतः उक्त अधिसूचना के कंडिका 2.3(VI) व कंडिका 3(3) के क्रियान्वयन के निमित्त राज्य सरकार के द्वारा अभी तक कोई भी कदम नहीं उठाया गया है। अतः अनुरोध है कि जैन अनुयायियों से प्राप्त अनुरोध के आलोक में उनके धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के अधिसूचना संख्या का०आ० 2795 (अ) दिनांक 02.08.2019 के संदर्भ में समुचित निर्णय लेने की कृपा की जाए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

आपकी राय
न्यू अपडेट
राशिफल
लाइव स्कोर
आज का मौसम

RELATED NEWS

error: Content is protected !!