रीचेक होगी कॉपी, 10th 12th एग्जाम में जीरो एरर पॉलिसी, वैल्यूएशन में बदलाव
सीबीएसई बोर्ड 10वीं-12वीं एग्जाम वैल्यूएशन में इस बार फटा-फट कॉपी जांचने का फंडा नहीं चलेगा। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने मूल्यांकन पॉलिसी में बदलाव किया है। ताकि पूरी प्रक्रिया में जीरो एरर रहे। रोजाना कॉपी जांचने की संख्या कम करने के साथ उसकी री-चैकिंग के लिए एक असिस्टेंट टीचर भी नियुक्त रहेगा। बाद में चीफ वैल्यूर 20 फीसदी कॉपी चेक कर पुष्टि करेगा कि मूल्यांकन ठीक ढंग से हुआ या नहीं। मतलब साफ़ है कि घंटे भर में मूल्यांकनकर्ता अधिकतम तीन कॉपी ही जांच पाएगा।
10th 12th CBSE बोर्ड एग्जाम
15 फरवरी से केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के एग्जाम शुरू हो चुके हैं। इसके साथ ही परीक्षार्थियों की कॉपी चेकिंग की तैयारियां भी लगभग पूरी हो चुकी हैं। 10वीं और 12 वीं फाइनल एग्जाम 21 मार्च तक पूरे हो जाएंगे। इस एग्जाम में देशभर में लाखों परीक्षार्थी सम्मिलित होते हैं और फिर रिजल्ट का स्टूडेंट्स को बेसब्री से इंतजार रहता है। समय पर रिजल्ट घोषित हो सके, इसके लिए इस बार विशेष तैयारियां की गई हैं। ख़ास फोकस रिजल्ट की उन गड़बड़ियों को रोकना है, जिसकी वजह से कई छात्र-छात्राओं परेशानी उठाना पड़ता हैं।
वैल्यूएशन के लिए जीरो एरर पॉलिसी
सीबीएसई बोर्ड ने भी परीक्षा मूल्यांकन संबंधी सभी निर्देश जारी कर दिए है। मध्य प्रदेश जबलपुर के सीबीएसई केंद्रीय विद्यालय जीसीएफ क्रमांक एक के प्रिंसिपल रजनीश सिंघई के मुताबिक इस बार परीक्षा कॉपियों का मूल्यांकन कार्य पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। जीरो एरर पॉलिसी के तहत सभी विषयों की कॉपी जांची जाएगी। इसके लिए थ्री लेयर वैल्यूएशन पद्धति अपनाई जाएगी। ताकि परीक्षार्थियों की कॉपी चेकिंग में किसी तरह की कोई त्रुटि न रहे।
इस तरह होगी कॉपी चैक
सीबीएसई बोर्ड स्कूल के अधिकारियों ने बताया कि मूल्यांकन की प्राथमिकता पीजीटी श्रेणी शिक्षकों पर रहेगी। इनके द्वारा जांची गई कॉपी को री-चैक करने सहायक वैल्यूएर भी तैनात रहेगा। इसके बाद चैक हुई कॉपियों में से बीस फीसदी कॉपी चीफ वैल्यूएर देखेगा। यदि जांच में किसी तरह की कोई त्रुटि पाई जाती है, तो उन कॉपी को फिर से चैक कराया जाएगा। इसी के बाद अंतिम चरण में कॉपी चैकिंग की पुष्टि की जाएगी।
8 घंटे की ड्यूटी में 20 कॉपी
बताया जा रहा है कि इस बार पहले के मुकाबले प्रतिदिन कॉपी जांचने की संख्या कम रहेगी। पहले विषयवार मूल्यांकनकर्ता को लगभग 30 कॉपी जांचने दी जाती थी। इस बार प्रतिदिन सुबह नौ बजे शाम पांच बजे तक यानि 8 घंटे के मूल्यांकन कार्य के दौरान 20 कॉपी ही दी जाएगी। बीच में लंच ब्रेक को छोड़ दे तो अनुमानित एक घंटे में 3 कॉपी जांचना जरुरी हैं।
एग्जाम के दौरान भी है कड़ी निगरानी
किसी तरह की गड़बड़ी को रोकने बोर्ड एग्जाम के वक्त भी कड़ी निगरानी रखी जा रही हैं। बोर्ड द्वारा पेपर के बंडल खुलने से लेकर कॉपी जमा करने तक हर पल की निगरानी के लिए एक सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। जिसमें पेपर बैंक से पेपर लेने, पैकेट खोलने फिर कॉपी जमा करने वाले को मौके पर अपनी सैल्फी अपलोड करना पड़ रही है। यह व्यवस्था पूरी परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए रखने के लिए की गई है। इतना ही नहीं कॉपियां पैक करने के वक्त की भी सैल्फी अपलोड हो रही हैं।