चार सौ एकड़ एरिया में एनटीपीसी,त्रिवेणी-सैनिक द्वारा अवैध खनन पर केंद्र ने उपसमिति से रिपोर्ट तलब किया
अवैध खनन की पुष्टि के बाद कार्रवाई के मूड में केंद्र,उपसमिति को भेजा रिमाइंडर
रांची – हज़ारीबाग़ जिले बड़कागांव में एनटीपीसी के पंकरी बरवाडीह कोल परियोजना में उसके एमडीओ (माइन डेवलपर ऑपरेटर ) द्वारा भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के एनओसी शर्तों का उल्लंघन कर क्षेत्र की लाइफ लाइन दुमुहानी नाला को नष्ट कर चार सौ एकड़ एरिया में अवैध माईनिंग किए जाने के मामले में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने मंटू सोनी की शिकायत पर बड़ा एक्शन लिया है। शिकायत मिलने के बाद केंद्रीय वन सलाहकार समिति की बैठक में मंटू सोनी के अधिवक्ता पटना हाईकोर्ट के नवेन्दु कुमार के आरोपों और साक्ष्यों की जांच की गई। समिति ने वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के कथित उल्लंघन पर विस्तृत विचार-विमर्श के बाद उपयोगकर्ता के खनन कार्यों की तुलना में क्षेत्र के हाइड्रोलॉजिकल प्रभाव को देखने के लिए क्षेत्र का दौरा करने के लिए एफएसी की एक उप समिति गठित करने की सिफारिश की थी। इसकी सूचना झारखंड सरकार के वन विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर दी गई थी । उप समिति सामान्य रूप से त्रिवेणी-सैनिक माईनिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विशेष रूप से दुमुहानी नाला और क्षेत्र की जलवायु पारिस्थिति की बदलाव,आकलन और प्रभाव का अध्ययन करने को कहा गया था। इससे संबंधित एक पत्र शिकायत एक पत्र झारखंड के प्रधान सचिव को भी लिखा गया था।
उपसमिति हुई गठित,कमिटी से जल्द मांगी गई रिपोर्ट
फॉरेस्ट क्लियरेंस की शर्तों का उल्लंघन कर सौ एकड़ एरिया में अवैध खनन के मामले में शिकायत मिलने के बाद जांच किया गया। जांच में पुष्टि होने के बाद केंद्रीय एडवाइजरी कमिटी की बैठक में एक उपसमिति गठित किया । जिसमें मुख्य रूप से श्री ओपी शर्मा एडिशनल कमिश्नर कृषि मंत्रालय,वन मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय अधिकारी,प्रोफेसर अंशुमाली, माननीय सदस्य आईआईटी ( आइएसएम) धनबाद और एडिशनल पीसीसीएफ झारखंड सरकार शामिल हैं।
पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के एसिसटेंट इंस्पेक्टर जनरल ऑफ फॉरेस्ट सुमित भारद्वाज ने 17 फरवरी को पत्र जारी कर उपसमिति में शामिल सदस्यों को पत्र लिखकर जल्द से जल्द रिपोर्ट की मांग किया है।