विधानसभा में गूंजी एनटीपीसी के अवैध खनन और डीएफओ के दूसरी रिपोर्ट की बात
विधायक लोबिन हेम्ब्रम के सवाल पर सरकार ने माना हुई अवैध खनन
👉 जोहार टाइम्स की खबर की हुई पुष्टि,अवैध खनन पर डीएफओ के दो रिपोर्ट को प्रमुखता से प्रकाशित किया था ।
हज़ारीबाग़ – हज़ारीबाग़ जिले के बड़कागांव में एनटीपीसी द्वारा अवैध खनन और तत्कालीन डीएफओ आर एन मिश्रा द्वारा अपने रिपोर्ट को बदलकर दूसरी रिपोर्ट बनाने के मामले में विधायक लोबिन हेम्ब्रम द्वारा विधानसभा में उठाए सवाल को सरकार ने सदन में स्वीकार कर लिया है। विधायक लोबिन हेम्ब्रम द्वारा शर्तों का उल्लंघन कर सौ एकड़ में अवैध खनन और तत्कालीन डीएफओ आर एन मिश्रा के द्वारा दोषियों को बचाते हुए अपने ही रिपोर्ट को बदलकर दूसरी अनुशंसा किए जाने को लेकर सरकार से कार्रवाई का जवाब मांगा गया था। सड़कर की तरफ से विधानसभा में दिए जवाब में कहा गया है अवैध खनन की रिपोर्ट भारत सरकार को भेज दी गई है। भारत सरकार के एडवाइजरी कमिटी ने चार सदस्यीय एक कमिटी गठित कर दिया है। एडवाइजरी कमिटी ने गठित समिति को अवैध खनन से हुए नुकसान का आकलन कर विस्तृत रिपोर्ट की सौंपने को कहा गया है। इसके लिए कमिटी को शीघ्र दौरा करने के लिए रिमाइंडर किया गया है।
*डीएफओ की दूसरी रिपोर्ट को सरकार ने माना,कार्रवाई पर साधी चुप्पी*
विधायक लोबिन हेम्ब्रम द्वारा एनटीपीसी,त्रिवेणी-सैनिक माईनिंग कंपनी द्वारा शर्तों का उल्लंघन कर सौ एकड़ में अवैध खनन की पुष्टि के बाद हज़ारीबाग़ के तत्कालीन पश्चिमी वन प्रमंडल पदाधिकारी आर एन मिश्रा द्वारा एनटीपीसी के दोषी अधिकारियों को बचाने के लिए अपने पहले के रिपोर्ट को बदलकर दूसरी रिपोर्ट लिखने की बात को स्वीकार कर लिया है लेकिन कार्रवाई से सम्बंधित कोई जवाब नही दिया ।
तत्कालीन डीएफओ ने अपनी पहली रिपोर्ट में अवैध खनन के लिए एनटीपीसी के तीन अधिकारियों को दोषी मानते हुए वन संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन के साथ तीन बिंदुओं पर कार्रवाई को अनुशंसा किया था । उसके बाद अपनी ही रिपोर्ट को बदलकर उन्होंने दूसरा रिपोर्ट बना लिया जिसमें उन्होंने किसी भी अधिकारी को दोषी नही माना और वन संरक्षण के उल्लंघन का मामला भी हटा दिया था । महत्वपूर्ण बात यह है कि उनके द्वारा भी अवैध खनन की बात स्वीकार किया गया लेकिन किसी को दोषी नही माना गया ।