चतरा के कार्यपालक दंडाधिकारी बिपिन कुमार दुबे पर चलेगा एससी-एसटी केस,तथ्यों को छुपाकर हाईकोर्ट से लिया थे स्टे
साहेबगंज में अंचलाधिकारी रहते हल्का कर्मचारी ने कराया था कोर्ट परिवादवादएसडीजीएम ने लिया था संज्ञान
रांची – चतरा जिले के कार्यपालक दंडाधिकारी विपिन कुमार दुबे पर एससी-एसटी एक्ट व आईपीसी के अन्य धाराओं में अब कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया है। साहेबगंज जिले के अंचलाधिकारी रहे विपिन कुमार दुबे के अधीनस्थ हल्का कर्मचारी सुशील मरांडी ने उनके खिलाफ ही वर्ष 2016 में जानबूझकर विभागीय परेशान करने,जातिसूचक गाली देने व आईपीसी के अन्य धाराओं में एसडीजीएम साहेबगंज में कोर्ट परिवादवाद दायर किया था। कोर्ट ने गवाहों को सुनने और दस्तवेज़ों के अवलोकन के बाद अंचलाधिकारी विपिन कुमार दुबे पर संज्ञान लिया था। एडीजीएम कोर्ट के संज्ञान के खिलाफ विपिन कुमार दुबे ने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया था । मंगलवार को हाईकोर्ट में जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में हल्का कर्मचारी सुशील मराण्डी के तरफ से अधिवक्ता अभिषेक कृष्ण गुप्ता ने बहस किया। अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि साहेबगंज एसडीजीएम के संज्ञान के खिलाफ विपिन कुमार दुबे ने तथ्यों और गवाहों का बयान छुपाकर हाईकोर्ट से अंतरिम राहत लिया था। कोर्ट में मामला फंसते देख चतरा के कार्यपालक दंडाधिकारी विपिन कुमार दुबे के अधिवक्ता ने दायर याचिका वापस ले लिया। अब साहेबगंज एसडीजीएम द्वारा विपिन कुमार दुबे पर एससी-एसटी एक्ट व आईपीसी की अन्य धाराओं में लिए गए संज्ञान पर न्यायिक कार्रवाई पुनः चालू हो जाएगी ।