झारखंड सरकार द्वारा ठेके पर दिए गए कंपनियों के मनमानी एवं सरकारी पैसों के गमन लगाया आरोप
संघ ने कम्पनी पर कई गंभीर आरोप लगाते हुवे सरकार से मदद की अपील की है
वर्तमान सरकार द्वारा स्कूलों में ICT योजना हेतु कुछ कंपनियों (Edique solution, Extramarks Pvt Ltd, Schoolnet India Ltd) को विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षकों को ठेके पर बहाली करने का टेंडर दिया गया था। जिसमें कंपनियां एवं सरकार की मिलीभगत से करोड़ों रूपये का गमन किया जा रहा है। इसमें 70% केंद्र का भी पैसा लगा हुआ है। यही कारण है कंपनी अपनी मनमानी करती है, एवं जो शिक्षक आवाज उठाते हैं उन शिक्षकों को निकालने की धमकी या उन्हें किसी कारण निकाल दिया जाता है। शिक्षा विभाग में बैठे पधाधिकारियों (JEPC Director /शिक्षा सचिव/ मुख्य सचिव /मुख्यमंत्री) से कई बार शिकायत किया गया परन्तु कोई करवाई नहीं हुई क्यूंकि कंपनी उन्हें पैसे खिला कर चुप कर देती है। इन सारी बातों का पता हमें RTI के माध्यम से चला की कैसे ये कंपनियां पैसों का गमन करती है। इस बहाली में कंपनियां 50000 – 100000 रूपये ले कर लोगों को नौकरी देती है। उक्त बातें झारखण्ड आईसीटी स्कूल कॉर्डिनेटर वेलफेयर एशोसिएशन के पदाधिकारियों ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी।
संघ ने इन बिंदुओं पर अपनी बात रखी और सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने का आग्रह किया जिसमें
1. पाँच वर्ष पूर्व 2017 में जो वेतन था 9476 रुपया उसे घटा कर अलग-अलग कंपनी भिन्न-भिन्न वेतन देती है कोई 7800 कोई 8200 तो कोई 8800, इस महंगाई में सरकार अपने विधायकों का पैसा बढ़ा सकती है तो हमारा क्यूँ नहीं।
2. कंपनी ने जो भी सामान विद्यालयों में लगाया है उनकी क्वालिटी के विपरीत पैसा लिया है। जैसे एंटीवायरस जिसे किसी कंप्यूटर में नहीं दिया गया फिर भी सरकार से पैसा कंपनी ले रही है, लैब में लगे जनरेटर की कीमत 50000 (पच्चास हजार) से ज्यादा की नहीं है फिर भी 103541 (एक लाख तिन हजार पाँच सौ इकतालीस) रुपया लिया गया जिसका साक्ष भी हमारे पास है। इसी प्रकार कंप्यूटर लैब में जो भी सामान कंपनी द्वारा उपलब्ध कराया गया है उन सबमें पैसों का काफी गबन हुआ है।
3. कंपनी द्वारा जबरन गलत रिपोर्ट (QPR) प्रति 3 महीने में कंप्यूटर शिक्षकों से तैयार करवाया जाता है ताकि उस रिपोर्ट के माध्यम से सरकार कंपनी को आसानी से फण्ड करे, और विभाग बिना जाँच के उनको फण्ड दे देती है।
4. Edique Company के प्रोजेक्ट मेनेजर एवं DC द्वारा महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया जाता है, जिससे महिला शिक्षिकाओं के ऊपर कंपनी का भय बना रहे और उनका काम होता रहे।
5. सरकार द्वारा टीचर्स ट्रेनिंग का पैसा मिलने पर भी कंपनी किसी मास्टर ट्रेनर्स को किसी प्रकार का भत्ता नहीं देती है।
6. हमारा वेतन भी हमें 6 महीनों में दिया जाता है, वेतन मांगने पर कंपनी कहती है जॉब छोड़ कर कहीं और देख लो, इस महंगाई में इतने कम वेतन के बाबजूद अगर 6 महीनों तक वेतन नहीं मिलेगा तो परिवार का भरण पोषण कैसे करेंगे।
7. महिला शिक्षिकाओं के साथ काफी दुर्व्यवहार किया जाता है, उनको मातृत्व अवकाश एवं SL तक नहीं दिया जाता है, अवकाश मांगने पर निकाल देने का धमकी दिया जाता है।
8. कंपनी हमारे ही वेतन से P.F (Employee और Employer) दोनों का पैसा काट कर 4 से 6 महीनों में जमा करती है| ESIC का पैसा भी हमारे वेतन से ही काटा जाता है परन्तु उसका लाभ हमें कभी नहीं मिलता।
9. विद्यालयों में बच्चों को कंप्यूटर पढ़ाने के लिए जनरेटर दिया गया है, उसका पेट्रोल का पैसा भी कंपनी सरकार से तो ले लेती है परन्तु वहाँ के कंप्यूटर शिक्षकों को नहीं देती है जो अपने पैसे से पेट्रोल डालती है।
इन मांगों के साथ ही संघ के अध्यक्ष खिरोधर महतो व संरक्षक रविन्द्र सोनार ने सरकार से अपील किया है कि संघ के दर्द को समझे और कानून संगत कार्यवाई करते हुवे कम्प्यूटर शिक्षकों की भावनाओ को समझ कर इसका निदान करें।